महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित विशालगढ़ में जमकर बवाल हो रहा है। विशालगढ़ में स्थित एक दरगाह पर अतिक्रमण हटाने को लेकर सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से अपील की जा रही थी और 14 जुलाई का दिन निर्धारित किया गया था, इसके अलावा छत्रपति संभाजी राजे भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ विशालगढ़ दरगाह पर गए थे।उसी दरम्यान अन्य हिंदूवादी संगठन के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे थे, जिसमें से कुछ उपद्रवी तत्वों ने माहौल को खराब करने की कोशिश की। देखते ही देखते हालात इतने बिगड़ गए कि पथराव होने लगा। दूसरे पक्ष की तरफ से भी पथराव हुआ, दुकानों में तोड़फोड़ हुई और आगजनी की कोशिश की गई।फिलहाल मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है, हालात को काबू में करने की कोशिश की जा रही है।
विशालगढ़ किले में ही हजरत सैयद मलिक रेहान मीर साहब की दरगाह है। विशालगढ़ किले पर बसी आबादी में ज्यादातर मुस्लिम आबादी है। आरोप है कि दरगाह के पास कथित तौर पर अतिक्रमण कर लिया गया है ।यहां अवैध निर्माण कराए जा रहे हैं। इन्हीं अवैध निर्माणों में मीट का कारोबार अड़ल्ले से चलता है। विशालगढ़ वह किला है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज बीजापुर की आदिलशाही सेना के जाल से बचकर पहुंचे थे। सेनापति सिद्धि मसूद उन्हें मारना चाहता था, मराठा योद्धा बाजी प्रभु और फुलजी प्रभु ने 13 जुलाई 1660 को राजा को सुरक्षित रूप से विशालगढ़ तक पहुंचाने में मदद करने के लिए पवनखिंड में लड़ाई लड़ी थी।लड़ाई के 364वें वर्ष को चिह्नित करते हुए सकल हिंदू समाज और छत्रपति शिवाजी महाराज के वफादारों और उपासकों ने किले पर किए गए ‘अवैध अतिक्रमण’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने का फैसला किया है, क्योंकि उनका आरोप है की ये इतिहास के साथ छेड़छाड़ है।
हिंदू समुदाय के लोग किले से अवैध अतिक्रमण हटाने और किले की मूल विरासत को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान छत्रपति संभाजी महाराज और महान महाराष्ट्रीयन संत तुकाराम महाराज के 11वें पूर्वज कार्यकर्ता शिरीष मोरे द्वारा लगातार इसके खिलाफ बयान बाजी की जाती रही है, क्योंकि उनका कहना था कि किले पर वर्षों से बड़े पैमाने पर कथित अवैध निर्माण और अतिक्रमण हो रहा था, लेकिन हाल के वर्षों मे इसमें और बढ़ोतरी हुई है, जिससे 17वीं शताब्दी से किले पर स्थित लगभग 24 हिंदू मंदिरों और संरचनाओं का अपमान हो रहा है।ऐसा माना जाता है कि विशालगढ़ किले पर बसी आबादी, जिसमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं, मस्जिद पर कथित अवैध अतिक्रमण, निर्माण या अवैध विस्तार में शामिल रहे हैं।वहां की आबादी ने सालों से अवैध शेड भी बनाए हैं, जिससे चिकन और मवेशी वध का कारोबार और बढ़ गया है।दरगाह पहले जिस जगह पर थी, वह काफी छोटी जगह थी, जिसे अब एक हजार वर्ग फीट से भी ज्यादा तक बढ़ा दिया गया है।हिंदू समुदाय के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दरगाह के पीछे मस्जिद का विस्तार राज्य की अनुमति के बिना किया गया है, इसलिए यह अवैध है।उल्लेखनीय है कि किले पर आबादी के बीच अतिक्रमण करने वाले सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, कुल 58,000 वर्ग फीट क्षेत्र है. कथित तौर पर सबसे ज्यादा अतिक्रमण मलिक रेहान बाबा दरगाह और मस्जिद के आसपास हुआ है।
More Stories
एकनाथ शिंदे ने भाजपा के सामने डाल दिए हथियार, कहा- ‘मैं मुख्यमंत्री पद का लालची नहीं हूं’
संभल में हिंसा करने वालों की हालत होगी खराब, योगी सरकार में लिए गए ये कड़े फैसले
क्या आपने कभी देखा है सवा करोड़ रुपये का भैंसा, देखकर हो जाएंगे हैरान