अगले साल पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के लिए मुश्किलें गहरी हो गई हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस टूर्नामेंट में अपनी टीम भेजने से मना कर दिया है, जिससे पाकिस्तान की मेज़बानी पर संकट खड़ा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भी इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, और अब PCB को पाकिस्तान सरकार से इस विषय पर मार्गदर्शन मिलना बाकी है।
चैंपियंस ट्रॉफी: भारत का पाकिस्तान में न जाना, बड़ा विवाद
भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव के कारण भारतीय टीम 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पाकिस्तान में खेलने नहीं गई है। ऐसे में पाकिस्तान को अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी मिली थी, लेकिन अब BCCI ने औपचारिक रूप से यह ऐलान किया है कि भारत पाकिस्तान में इस टूर्नामेंट में भाग नहीं लेगा। इस फैसले के बाद ICC ने PCB को एक मेल भेजकर भारत के पाकिस्तान जाने से इनकार करने की जानकारी दी है।
पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने से इंकार करने के बाद, कई बार पाकिस्तान ने अपने घरेलू टूर्नामेंट्स को हाइब्रिड मॉडल के तहत आयोजित करने की बात की थी। हाइब्रिड मॉडल का मतलब होता है कि भारत के मैच किसी तटस्थ स्थल पर खेले जाएं और बाकी टूर्नामेंट पाकिस्तान में ही आयोजित हो। हालांकि, PCB ने इस मॉडल को खारिज कर दिया है, और अब यह स्पष्ट किया है कि चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में ही आयोजित होगी, या तो बिना भारत के, या फिर पूरी दुनिया के लिए किसी तटस्थ स्थल पर।
भारत की ओर से नकारात्मक संकेत
भारत ने पिछले साल एशिया कप में भी पाकिस्तान में खेलने से इंकार किया था, जिसके बाद एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) ने हाइब्रिड मॉडल अपनाया था। इस मॉडल के तहत भारत के सभी मैच श्रीलंका में खेले गए थे, जबकि बाकी टूर्नामेंट पाकिस्तान में हुआ था। भारत का यह कदम पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि यह साबित करता है कि राजनीतिक और सुरक्षा कारणों से भारतीय टीम पाकिस्तान में खेलने को लेकर अनिच्छुक है।
PCB का विरोध, क्या रास्ता निकल पाएगा?
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हाइब्रिड मॉडल में नहीं करेगा, और उसे पाकिस्तान में ही आयोजित किया जाएगा। लेकिन भारतीय टीम के पाकिस्तान जाने से मना करने के बाद, यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या ICC पाकिस्तान से मेज़बानी छिनने पर मजबूर हो जाएगा।
यदि मेज़बानी पाकिस्तान से छीन ली जाती है, तो PCB ने चेतावनी दी है कि वह इस टूर्नामेंट से खुद को बाहर कर सकता है। पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ ने PCB के एक सूत्र के हवाले से खबर दी है कि अगर ICC चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किसी तटस्थ स्थल पर करता है, तो पाकिस्तान भी टूर्नामेंट का बहिष्कार कर सकता है।
क्या ICC पाकिस्तान की मेज़बानी बदलने की ओर बढ़ेगा?
ICC के पास अब दो विकल्प हैं: एक, वह पाकिस्तान की मेज़बानी को बनाए रखे और भारत के मैच तटस्थ स्थल पर करवाए; और दूसरा, वह पाकिस्तान से टूर्नामेंट की मेज़बानी छीन कर इसे किसी और देश में शिफ्ट कर दे। अगर ऐसा हुआ, तो यह पाकिस्तान के लिए क्रिकेट इतिहास में एक बड़ा धक्का होगा।
इस बीच, पाकिस्तान सरकार भी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है, और अगर ICC ने पाकिस्तान से मेज़बानी छीनने का निर्णय लिया, तो पाकिस्तान सरकार PCB से इस टूर्नामेंट से हटने का आग्रह कर सकती है। ऐसे में दोनों देशों के बीच क्रिकेट से जुड़ी राजनीतिक स्थिति और भी पेचीदा हो सकती है।
नज़रें अब अगले कदम पर
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध हमेशा से ही राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों से प्रभावित रहे हैं। दोनों देशों के बीच सीरीज और टूर्नामेंट्स केवल क्रिकेट के खेल से कहीं अधिक होते हैं, जहां सुरक्षा, कूटनीति और राष्ट्रीय हितों का भी बड़ा दांव होता है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या ICC और PCB के बीच इस विवाद का कोई समाधान निकल पाएगा, या फिर यह पूरी चैंपियंस ट्रॉफी के भविष्य को खतरे में डालने के रूप में सामने आएगा?
यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट के आयोजन में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस तरह के विवाद क्रिकेट के खेल के स्तर पर किसी भी तरह से सकारात्मक नहीं होते। जबकि दोनों देशों के बीच राजनीतिक रिश्तों की जटिलता को समझा जा सकता है, लेकिन खेल को इससे बचाया जाना चाहिए। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध फिर से बेहतर हो सकते हैं, बशर्ते दोनों देशों में सामूहिक समझ और सम्मान की भावना हो।
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