Prime Minister: भारत में नई सरकार को चुनने की प्रक्रिया चल रही है। दुनियाभर की नजरे इस पर हैं कि इस बार भारत के प्रधानमंत्री का पद का संभावित दावेदार कौन होगा। किसे प्रधानमंत्री की कुर्सी नसीब होगी।
भारत में आम चुनाव 2024 चल रहे हैं। इस बार का चुनाव सात चरणों में हो रहा है। जो ये खबर पढ़ रहे है उनमें से बहुत से लोगों ने अपने-अपने हिसाब से अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट दे दिया होगा, लेकिन अभी भी कुछ लोग होंगे जहां वोटिंग नहीं हुई होगी। सभी वोटिंग करने के लिए उत्साहित है। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर कैसे आपके वोट की मदद से जीते हुए MP को देश का प्राइम मिनिस्टर बनाया जाता है। यदि नहीं तो आज हम आपको इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में डीटेल, लेकिन आसान भाषा में जानकारी देने वाले हैं।
भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है। हमारे कॉन्स्टिट्यूशन के Article 75 में मेंशन किया गया है कि प्रधानमंत्री को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी राष्ट्रपति की होती है। पर इसका यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि राष्ट्रपति किसी को भी प्रधानमंत्री चुन सकता है। राष्ट्रपति को उसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाने का अधिकार है, जिसे लोकसभा में बहुमत यानी मेजॉरिटी हासिल करने वाली पार्टी या गठबंधन ने अपना नेता चुना है।
अब बात करते हैं लोकसभा की
दरअसल, हमारे Parliament में दो हाउस होते हैं। अपर हाउस को राज्यसभा कहा जाता है और लोअर हाउस को लोकसभा। आप जिन उम्मीदवारों को हर 5 साल में MP के तौर पर चुनकर भेजते हैं, वो लोकसभा के सदस्य बनते हैं। क्योंकि राज्यसभा के मेंबर्स का चुनाव जनता द्वारा सीधे तौर पर नहीं होता है। लोकसभा में टोटल 545 मेंबर्स होते हैं, जिनमें से 543 को चुनने का हक तो जनता का होता है पर दो सदस्य जो कि एंग्लो इंडियन होते हैं, उनकी अपॉइंटमेंट राष्ट्रपति करते हैं।
आखिर किस स्टेट से कितने सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचते हैं?
किस स्टेट में से कितने MP चुनकर आएंगे, यह पहले से ही तय होता है और उतनी ही सीटों पर चुनाव कराए जाते हैं। दिल्ली में लोकसभा की 7 सीटें हैं तो वहां से 7 उम्मीदवार जीतकर MP बनते हैं। जबकि यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं तो वहां की 80 सीटों से जीतने वाले उम्मीदवार MP बनते हैं।
जीतने के लिए कितनी सीटों का सपोर्ट चाहिए?
देश में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 272 MP के सपोर्ट की जरूरत होती है। यानी सारी मेहनत इस मैजिक फिगर के लिए की जाती है। जैसे BJP ने 2014 में NDA गठबंधन की अगुवाई करते हुए चुनाव लड़ा था, पर उसके खुद के ही 282 MP को जीत मिल गई थी। इस तरह से BJP तीन साल बाद अकेले ही बहुमत पाने वाली पार्टी बनी थी।
1989 से 2014 तक हुए चुनाव में देश में कभी भी अकेली पार्टी को इतना बहुमत मिलने वाली सरकार नहीं रही। 2009 में कांग्रेस 206 सीटें जीतकर देश की सबसे बड़ी पार्टी तो बनी, लेकिन बहुमत का आंकड़ा जुटाने के लिए उसे TMV, DMK और NCP जैसे सहयोगियों की जरूरत पड़ी थी। कांग्रेस ने इन पार्टियों के साथ मिलकर ही लोकसभा का चुनाव लड़ा था।
चुनावी नतीजे आने के बाद जिस भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत मिलता है, वह अपने नेता का नाम राष्ट्रपति को भेजते हैं और राष्ट्रपति उस व्यक्ति को PM की शपथ दिलाते हैं। हालांकि इसके बाद प्रधानमंत्री बनने वाले शख्स को लोकसभा में अपना बहुमत साबित करना होता है।
शपथ दिलाने के बाद राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को एक निश्चित समय में बहुमत साबित करने का मौका देते हैं। बहुमत साबित होने पर वह सरकार चलती रहती है। अगर किसी हालत में बहुमत साबित नहीं होता तो सरकार गिर जाती है और उस व्यक्ति को पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ता है।
तो यदि आपको प्रधानमंत्री बनने के लिए दी गई पूरी प्रक्रिया आसानी से समझ आई हो तो हमें नीचे कमंट कर के जरूर बताएं। इसके साथ ही यदि आपको इस प्रकार की और भी रोचक जानकारी चाहिए तो हमें जरूर बताएं।
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