CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Monday, November 18   1:24:41

उत्तर प्रदेश से ग्राउंड रिपोर्ट: जितने रुपये में एक किलो गेहूं मिलता था

यू बताओ…का फिरी (फ्री) मिलइ वाले राशन का कच्चा चबाइ लेई…लोन, तेल, गैस लागी कि नाई लागी…ड्याखि लेउ… आगि लागि है आगि महंगाई मा… और आप पूछि रहे हौ कि चुनाव क्यार माहौल का है…बदलब ऊ भैया अबकी बार सरकार। राम गणेश की हां में हां मिलाते हुए किशन बोले..औ भैया…उ संडवा (सांड़) क्यार (का) बताओ…जो हमार ख्यात (खेत) चर डारिस (चर लिया) है। एक्कउ दाना नाई भवा अबकी ख्यात मा। हरदोई जिले के भरावन इलाके में सड़क के किनारे बैठे ग्रामीणों से जब बात की तो कुछ इसी तरह से लोगों की नाराजगी सामने आई। हालांकि इलाके के कुछ लोगों ने सरकार के सकारात्मक प्रयासों की तारीफ भी की।
सरकार का महंगाई पर कोई कंट्रोल नहीं…
गांव के राम गणेश कहते हैं कि इस सरकार में महंगाई बहुत चरम पर पहुंच गई है। उनका कहना है कि दस रुपये किलो जानवरों को खिलाने वाला भूसा मिल रहा है। जबकि एक वक्त में इतने रुपये में ही खाने वाला गेहूं मिल जाता था। उनका कहना है कि सरकार गरीबों को राशन तो दे रही है, लेकिन उस राशन से क्या होने वाला है। क्योंकि उस राशन से बनने वाली सब्जी और बनने वाले भोजन में भी तो चीजें इस्तेमाल होती हैं। दो सौ रुपये से ज्यादा महंगा तेल हो गया है। गांव में भी अब सब्जियां महंगी हो गई हैं। सरकार का महंगाई पर कोई कंट्रोल नहीं है। पेट्रोल-डीजल सब महंगे हुए जा रहे हैं। इसी वजह से किसानों सब चीजें महंगी हो रही है।
गैस सिलेंडर मिला लेकिन दोबारा भरवाया नहीं
रेलवे से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी दिनेश कुमार कहते हैं कि महंगाई इतनी ज्यादा है कि पूछिए मत। वे कहते हैं उन्हें पेंशन तो मिल रही है, लेकिन उससे घर का खर्चा नहीं चल रहा है। उन्होंने बताया कि अपने गांव में दस बिस्वा खेत में उन्होंने सरसों उगाई है। अगर छुट्टा जानवरों से उनका खेत बच गया, तो शायद अपनी फसल से सरसों का तेल निकलवा सकें और दो सौ रुपये लीटर से ज्यादा महंगे बिक रहे सरसों के तेल से निजात पा सकेंगे। दिनेश कुमार कहते हैं, उनके घर में जानवर भी पले हैं। लेकिन उन्हें खिलाने वाला चारा भी इतना महंगा हो गया है, कई बार जब वह स्थानीय बाजार में चारा खरीदने जाते हैं तो वह भी नहीं मिलता है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को गौशाला में रहने वाले जानवर और वहां के जानवरों के अनुपात में खरीदे जाने वाले चारे की खरीद की जांच भी करानी चाहिए। क्योंकि जरूरतमंद को चारा नहीं मिल रहा है। गांव के रामाधीन बताते हैं कि उन्हें गैस सिलेंडर तो मिल गया था, लेकिन वह उसे दोबारा भरवा नहीं सके। वजह बताते हुए वह कहते हैं कि इसकी कीमत में इतना ज्यादा इजाफा हुआ कि मजबूरी में अभी भी उनके घर में चूल्हे पर ही खाना बनता है।