अपनी जादुई आवाज से दशकों तक प्रशंसकों के दिलों पर राज करने वाले गजल गायक पंकज उधास का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे. उनके निधन की जानकारी परिवार ने दी. पंकज उदास के गाए कई गाने, गजलें आज भी संगीत प्रेमियों की जुबान पर हैं. उनके निधन पर फिल्म इंडस्ट्री और म्यूजिक इंडस्ट्री दुख व्यक्त कर रही है।
पंकज उधास, चारण समुदाय से आने वाले, भारत के प्रसिद्ध गज़ल गायक थे। 17 मई 1951 को गुजरात के राजकोट में जन्मे, पंकज उधास ने 1980 में “आहत” एल्बम के साथ अपनी शुरुआत की। उन्हें 1986 में फिल्म “नाम” में “चित्ठी आई है” गाने के लिए प्रसिद्धि मिली। यह गीत आज भी लोकप्रिय है और उधास की सबसे पहचानी जाने वाली रचनाओं में से एक है।
उन्हें 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं, जिनमें फिल्मफेयर पुरस्कार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार शामिल हैं।
पंकज उधास के कुछ प्रसिद्ध गाने:
- चिट्ठी आई है (नाम)
- मत कर इतना गुरूर (आदमी खिलौना है)
- दिल जब से टूट गया (सलामी)
- हमने खामोशी से (ये मझधार)
- जिंदगी को गुजारने के लिए (Jeevan Yudh)
- तेरे बिन (Yaadon Ki Baaraat)
- मेरे महबूब (Pukar)
- दिल का झरोखा खुला (Dilwale Dulhania Le Jayenge)
- चांदनी रात है (Dil To Pagal Hai)
- तेरे बिना ज़िंदगी से कोई (Kabhi Khushi Kabhie Gham)
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