गुजरात के स्टेचू ऑफ़ यूनिटी पर एक बड़े आतंकी हमले का सीन तब देखने को मिला, जब हथियारों से लैस चार आतंकियों ने सैलानियों को बंधक बना लिया और फूड कोर्ट और सरदार सरोवर नर्मदा डैम क्षेत्र में दहशत फैल गई। सुरक्षा बलों पर भी हमला हुआ, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल छा गया। आतंकी हमले की खबर मिलते ही सीआरपीएफ, एसओजी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर इलाके को घेर लिया और कार्रवाई शुरू कर दी।
सीआरपीएफ जवानों और चेतक कमांडो की सक्रियता
आतंकियों से निपटने के लिए इमरजेंसी रिस्पॉन्ड टीम और जिला प्रशासन ने संयुक्त प्रयास किए। मौके की गंभीरता को देखते हुए चेतक कमांडो की एक विशेष टीम गांधीनगर से बुलाई गई, जिन्होंने बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला किया और उन्हें मार गिराया। साथ ही, बंधक बने सैलानियों को सुरक्षित छुड़ाया। इस दौरान यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया था और सुरक्षा बलों ने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया।
सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन
स्थानीय पुलिस, एसओजी, सीआरपीएफ, और सीआईएसएफ के जवानों के साथ डॉग स्क्वाड और फायर ब्रिगेड की टीमें भी इस ऑपरेशन का हिस्सा थीं। आतंकियों का सफाया करते हुए उन्होंने दर्शाया कि अगर स्टेचू ऑफ यूनिटी जैसी महत्वपूर्ण जगह पर असल में हमला होता है तो सुरक्षा बल कितनी तेजी और दक्षता से कार्रवाई कर सकते हैं।
यह था मॉकड्रिल का हिस्सा
हालांकि, यह पूरा घटनाक्रम असल में एक मॉकड्रिल था, जो स्टेचू ऑफ़ यूनिटी की सुरक्षा के लिए तैयार की गई योजना के अंतर्गत किया गया। इसका मकसद था कि अगर कभी इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर आतंकी हमला हो तो सुरक्षा एजेंसियां किस तरह से प्रतिक्रिया देंगी और किस प्रकार बंधकों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। इस मॉकड्रिल में स्थानीय पुलिस, चेतक कमांडो, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, और अन्य सुरक्षा बलों ने भाग लिया और अपने-अपने स्तर पर समन्वय बनाते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया।
इस मॉकड्रिल से यह साफ होता है कि स्टेचू ऑफ़ यूनिटी और आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं और ऐसी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
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