लोकसभा चुनाव में आए नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टि निशाने पर आ गई है। चुनावों में बहुमत से दूर रही भाजपा को लेकर अब RSS के नेताओं द्वारा लगातार बयान बाजियां हो रही है। प्रभु राम सभी के साथ न्याय करते हैं। उनका न्याय बहुत विचित्र है, जो 2024 में चुनाव में भी दिखा। ये लब्ज हैं RSS के नेता इंद्रेश कुमार के जिन्होंने इशारों-इशारों में भाजपा को अहंकारी और इंडी गठबंधने को राम विरोधी करार दिया।
इंद्रेश कुमार जयपुर के पास कानोता में आयोजित रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह में गए थे। वहां उन्होंने अपने भाषण में भाजपा को लेकर बड़ी बातें कर दी।
जनता को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि प्रभु राम सभी के साथ न्याय करते हैं। उनका न्याय बहुत विचित्र है, जो 2024 के चुनाव में भी दिखा। आरएसएस नेता ने कहा कि जिन लोगों ने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें अहंकार आ गया तो उनको प्रभु ने सबसे बड़ी पार्टी तो बनाया लेकिन वो शक्ति और पूरा हक नहीं दिया जो मिलना चाहिए था। ये सब अहंकार के कारण हुआ।
कुमार ने आगे कहा कि जिन लोगों ने राम का विरोध किया उन्हें भी प्रभु ने सबक सिखाया। किसी को शक्ति नहीं मिली, चाहे सब मिलकर लड़े लेकिन वो एक नंबर नहीं बने और 2 पर ही अटक गए। यही प्रभु का न्याय है, जो बहुत विचित्र और आनंददायक है।
आरएसएस नेता ने आगे कहा कि भगवान राम किसी से भी भेदभाव नहीं करते और न ही किसी को दंडित करते हैं। राम सभी के साथ न्याय करते हैं, क्योंकि वो न्यायप्रिय हैं।
आपको पता दें कि इससे पहले हालही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी बड़ा बयान दिया था। भागवत ने कहा था कि एक सच्चे सेवक में अहंकार नहीं होना चाहिए। उसे केवल गरिमा बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो सच्चा सेवक होता है उसे ये अहंकार नहीं होता कि ये मैंने किया वो मैंने किया।
मोहन भागवत के इस बयान को बीजेपी को दी गई एक नसीहत के तौर पर देखा जा रहा था। क्योंकि लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीदों के परे नहीं उतरा। आपको याद होगा कि एक मीडिया चैनल में दिए गए इंटरव्यू में नड्डा ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय और मौजूदा समय में काफी कुछ बदल चुका है। इसी कड़ी में आरएसएस की उपस्थिति भी बदल गई है। पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे। हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं।
बीजेपी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में ये कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी और आरएसएस के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। और अब आरएसएस के द्वारा दिए जा रहे ये बयान इन कयासों पर खरे उतर रहे हैं।
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