पश्चिम बंगाल में उत्तर प्रदेश के तीन साधुओं के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। जिसमें बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने उन्हें अपहरण कर्ता समझ कर उनकी पिटाई कर दी। अब ये मामला तूल पकड़ते जा रहा है। इस हमले के बारे में टीएमसी नेता शशि पांजा का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने बताया कि ये साधु के वेश में तीन लड़कियों का अपहरण कर रहे थे।
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में साधुओं पर हुए कथित हमले पर टीएमसी नेता शशि पांजा ने कहा, “बीजेपी हमेशा जवाबदेही से बचती रही है…स्थानीय लोगों ने तीन साधुओं की पिटाई की क्योंकि उनका आरोप है कि साधु वहां से तीन लड़कियों का अपहरण कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की और लड़कियों को बचाया। पुलिस साधुओं को थाने ले गई। जांच चल रही है, लेकिन पुरुलिया में बीजेपी नेता पूरी घटना को गलत तरीके से पेश करने और बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
वुरुलिया के भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो के अनुसार, हमला राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। दूसरी ओर राज्य की सत्ता पर काबिज टीएमसी के पुरुलिया जिला अध्यक्ष ने दावा किया है कि यह घटना अफवाहों के कारण हुई है।
इस बीच इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए घटना की आलोचना की है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पालघर जैसी लिंचिंग की घटना हुई है। मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े लोगों ने निर्वस्त्र कर पीटा। ममता बनर्जी के शासन में महजहान शेख को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है। पश्चिम बंगाल में हिंदू होना क्राइम बन गया है।
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