इस दीवाली, वडोदरा का कमाटीबाग Zoo एक अनोखे उपहार के साथ सजने जा रहा है—महाराष्ट्र के बाला साहेब ठाकरे इंटरनेशनल Zoo, नागपुर से लाई गई एक बाघ और बाघिन की जोड़ी। यह रोमांचक यात्रा, जो 900 किलोमीटर की दूरी तय करके संपन्न हुई, न केवल Zoo की पहचान को नए आयाम देगी, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा देगी।
अद्वितीय यात्रा का विवरण
कमाटीबाग Zoo के निदेशक, डॉक्टर प्रथ्युश पाटणकर और उनकी विशेषज्ञ टीम ने इस विशेष यात्रा को शुक्रवार रात को सफलतापूर्वक पूरा किया। बाघ और बाघिन, जो 4-5 साल के हैं, को क्वारंटीन में रखा गया है। यह प्रक्रिया 30 से 45 दिनों तक चलेगी, ताकि उनकी सेहत का ध्यान रखा जा सके और वे सुरक्षित वातावरण में समायोजित हो सकें।
पशु विनिमय कार्यक्रम का महत्व
सरकारी पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत, इस बाघ जोड़ी के बदले में नागपुर Zoo को 17 पक्षियों का एक अनमोल उपहार दिया गया है, जिसमें बत्तखें, बगुले और साही शामिल हैं। यह कदम न केवल जैव विविधता को बनाए रखने में सहायक है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बाघों का ऐतिहासिक महत्व
इससे पहले, 2011 में कमाटीबाग Zoo में लाए गए नर बाघ के बाद, यह नई जोड़ी Zoo के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। स्थानीय निवासियों के लिए, यह बाघों की जोड़ी एक नया आकर्षण बनने जा रही है, जो Zoo में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता रखती है।
यह बाघ जोड़ी वडोदरा के लिए केवल एक नया आकर्षण नहीं है; यह वन्यजीवों के संरक्षण और शिक्षा का एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी है। इन बाघों का आगमन कमाटीबाग Zoo के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। वडोदरा के लोग जल्द ही इस खूबसूरत जोड़ी को अपने बीच पाएंगे, जो निश्चित रूप से एक अद्भुत अनुभव होगा।
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