CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Wednesday, November 20   1:37:39

राजकोट में प्लास्टिक फैक्ट्री में भीषण आग: रातभर संघर्ष के बावजूद राहत की किरण नहीं

राजकोट के पडधरी इलाके में मंगलवार की रात को एक प्लास्टिक फैक्ट्री में आग लगने से हड़कंप मच गया। यह आग इतनी भीषण थी कि इसे काबू करने के लिए पिछले सात घंटों से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। 70 प्रतिशत आग पर काबू पाया जा चुका है, लेकिन स्थिति अब भी नियंत्रण से बाहर नहीं है। इस घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड की टीमें लगातार तैनात हैं, जिनमें राजकोट, गोंडल, जामनगर और मोरबी से आई फायर ब्रिगेड की टीमें शामिल हैं।

सहारा यूनिट नामक इस प्लास्टिक फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर कैमिकल्स और प्लास्टिक सामग्री रखी हुई थी, जिससे आग फैलते ही पूरी फैक्ट्री के गोदाम तक पहुंच गई और देखते ही देखते यह आग एक खतरनाक रूप ले लिया। आग की तीव्रता को देखकर मौके पर राजकोट से 6 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भेजी गईं। देर रात तक गोंडल, जामनगर और मोरबी से भी अतिरिक्त टीमें बुला ली गईं।

फैक्ट्री के कर्मचारियों का कहना है कि इसमें कच्चे माल के साथ-साथ तैयार माल भी रखा हुआ था, जो आग में जलकर राख हो गया। ऐसे में फैक्ट्री का नुकसान भारी हो सकता है, लेकिन वास्तविक नुकसान का आंकलन तब ही किया जा सकेगा, जब आग पूरी तरह से बुझ जाएगी।

आग के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। क्या यह किसी तकनीकी खामी के कारण हुआ या फिर कोई और हादसा था, यह जांच का विषय है। हालांकि, जिस तरह से आग ने फैक्ट्री को अपनी चपेट में लिया, उससे यह साफ है कि फायर सेफ्टी और सुरक्षा उपायों में कमी रही होगी।

नौकरियों का संकट और आग की चिंगारी

यह घटना न केवल एक फैक्ट्री के लिए बल्कि क्षेत्र के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए भी संकट का कारण बन गई है। जब तक पूरी स्थिति नियंत्रण में नहीं आती, तब तक कर्मचारियों की सुरक्षा और उनके रोजगार पर संकट मंडराता रहेगा। इसके अलावा, क्षेत्रीय सरकार और प्रशासन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

आखिरकार, इस तरह की घटनाएं हमारी औद्योगिक सुरक्षा प्रणालियों पर सवाल उठाती हैं। क्या हम अपने कारखानों में पर्याप्त सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे हैं? क्या ऐसे घटनाओं से बचने के लिए हमें कठोर कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है? यह सवाल आज हर किसी के मन में उठ रहा है, और यह भी कि क्या हमारी सरकार और स्थानीय प्रशासन ऐसे खतरनाक उद्योगों के लिए उचित सुरक्षा मानकों को लागू करने के लिए तत्पर हैं?