देश में लोकसभा चुनावों के परिणाम के बाद लोगों को अब भी यकिन नहीं हो रहा है कि जो राम मंदिर बनाने वाला चुनावी मुद्दा था वहीं से भाजपा सरकार अपनी सीट नहीं बचा पाई। लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह थी जिस देश ने राम मंदिर ने नाम पर भगवा को वोट दिया उसी राम मंदिर के अयोध्या से सीट काबिज नहीं कर पाई।
आपको बता दें कि अयोध्या में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद 54,567 वोटों से जीते हैं। उन्हें कुल 5,54,289 वोट मिले। वहीं बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह को 4,99,722 वोट मिले। अब चलिए आपको बतातें हैं कि वोटों के नंबरों की इतनी ज्यादा उलट फेर आखिर कैसे हो गई।
आपकों याद होगा कि जब राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा था तब अयोध्या में इस विकास की राह पर आढ़े आते हुए कई सारे लोगों के घर, जुग्गी झोपड़ियां धराशाही कर दी गई थी। लोगों के लिए उनका घर उनकी दुनियां होती है। गरीब इंसान तिनका-तिनका जोड़कर अपनी दुनियां बनाता है और इसी राम मंदिर के चक्कर में अयोध्या में कई लोगों के घर मिंनटों में धराशाही कर दिए। लोग अपना आशियाना बचाने के लिए चिल्लातें रहे बिलखते रहे लेकिन, उसकी उम्मीदों पर बुल्डोजर चला दिया गया। एक आंकड़ों के अनुसार अयोध्या का रामपथ बनाने में 2200 दुकाने, 800 घर, 30 मन्दिर, 9 मस्जिद और 6 मजार तोड़े गए।
इन धराशाही बिल्डिंगों में कई ऐसे मंदिर थे जो 100 सालों से भी पुराने थे। जो अयोध्या की धरोहर माने जाते थे, जिससे अयोध्या पहचाना जाता था। इन परिणामों के बाद सोशल मीडिया में बयानबाजियों की बाढ़ आ गई है।
इतना ही नहीं जनता गुहार लगाने के लिए जब भाजपा उम्मीदवार लल्लू यादव के पास गई तो उन्होंने भी ये सरकार का निर्णय है बोलकर पल्ला झाड़ लिया। ऐसे में दुखी जनता जाए तो जाएं कहां। जो अयोध्या में भाजपा के उम्मीदवार को झटका लगा है शायद ऐसी उम्मीद न उन्हें थी और न देशवासियों को।
वहीं अयोध्या में भाजपा की हार पर बॉलिवुड के सुपर सिंगर सोनू निगम का भी बयान सामने आया है उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जिस सरकार ने पूरे अयोध्या को चमका दिया, नया एयरपोर्ट दिया, रेलवे स्टेशन दिया, 500 सालों के बाद राम मंदिर बनवाकर दिया, पूरी की पूरी एक टेंपल इकोनॉमी बनाकर दी उस पार्टी को अयोध्या जी सीट पर संघर्ष करना पड़ रहा है। शर्मनाक है अयोध्यावासियों!
भाजपा को शायद इसी घमंड का फल अयोध्या जैसी सिक्योर सीट से हार कर मिला है। जिस सीट पर किसी ने हार की कल्पना भी नहीं की थी।
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