विश्व गुजराती भाषा दिवस हर साल 24 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन गुजरात के महान लेखक ‘वीर नर्मद’ की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। कवि नर्मद गुजराती भाषा के युग प्रवर्तक माने जाने वाले रचनाकार थे। उन्होंने गुजराती साहित्य को अंतर्राष्ट्रीय पद पर स्थान दिलाने का काम किया है।
जानें कौन है वीर नर्मद
कवि वीर नर्मद का जन्म 24 अगस्त, 1833 को गुजरात के सूरत में हुआ था। वह एक ब्राह्मण परिवार से थे। उनका पूरा नाम नर्मदा शंकर लालशंकर दवे था। उनके पिता लालशंकर मुंबई में रहते थे। नर्मद ने अपनी माध्यमिक शिक्षा एलफिंस्टन इन्स्टिट्यूट से की थी। वह अपनी रचनाएं नर्मद नाम से ही किया करते थे। उनका विवाह 11 साल की उम्र में ही हो गया था। नर्मद की प्रारंभिक शिक्षा सूरत से हुई थी। उसके बाद मुंबई से उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई की।
नर्मद ने 22 साल में अपनी पहली कविता रची थी। तब वे मुंबई में बतौर शिक्षक कार्यरत थे। इसके बाद उन्होंने साहित्य को समझना शुरू कर दिया। 23 नवंबर 1858 को नर्मद ने नौकरी छोड़कर कलम थाम ली। 24 साल की उम्र से वे साहित्य की सेवा में लग गए थे।
हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल की शुरुआत जिस तरह भारतेंदु युग में मानी जाती है। उसी प्रकार गुजराती साहित्य के पहले कालखंड को नर्मद युग के नाम से जाना जाता है। नर्मद ने ही विश्व को गुजराती साहित्य के बारे में बताया और गुजराती साहित्य का भंडार दिया। उनकी लिखे हुए विशेष लेखन जैसे नर्मगध्य, नर्मकोश, नर्मकथाकोश, सारशांकुतल, द्रौपदी दर्शन, कृष्णकुमारी, बालकृष्ण विजय है।
नर्मद एक साहित्यकार होने के साथ ही समाज सुधारक भी थे। ब्रिटिश राज के तहत एक नाट्यकार, निबंधकार, वक्ता थे। इनकी कविता ‘जय जय गरवी गुजरात’ अब गुजरात का राज्य गान है। इतना ही नहीं नर्मद कई विषयों के जानकार थे। उन्होंने गुजराती का शब्दकोश भी तैयार किया था। उनकी ऑटोबायोग्राफी ‘मारी हकीकत’ को गुजरात की पहली आत्मकथा होने का गौरव प्राप्त है। गुजराती साहित्य को अंतरराष्ट्रीय बनाने वाले नर्मद का निधन मुंबई में 26 फरवरी 1886 को हुआ था। नर्मद ने आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी अपनी नौकरी छोड़कर जीवन भर कलम को अपना साथी बनाकर साहित्य की सेवा की।
नर्मद ने देश में ही नहीं विदेश में भी गुजराती साहित्य का डंका बजाया है। विश्व में 55 मिलीयन से ज्यादा लोग इस भाषा का प्रयोग करते है। इसलिए इस भाषा को विश्व में 26वें नंबर पर रखा गया है।
More Stories
बेंगलुरु टेक समिट 2024: भारत ने दुनिया को दिखाया टेक्नोलॉजी का नया भविष्य
Maharashtra Assembly Election Result 2024: सीएम की कुर्सी एक दावेदार अनेक, गठबंधन की राजनीति में बढ़ते मतभेद
गौतम अडाणी पर गंभीर आरोप के बाद करोड़ों के कारोबार को बड़ा झटका, नेटवर्थ में भारी गिरावट