वैसे तो हमारे समाज को पुरुष प्रधान समाज कहा जाता है। वहीं समाज में महिलाओं को घर तक ही सीमित कर दिया जाता है। बाहर के काम हो, रीति रीवाज को सभी को महिलाओं से वंचित रखा जाता है। लेकिन, इस समाज के बीच एक ऐसी भी जगह है जहां सिर्फ महिलाएं ही रहती है। एक भी पुरुष वहां आपको देखने नहीं मिलेंगे।
एस्टोनिया देश का वो अनोखा गांव हैं जहां 90 प्रतिशत केवल और केवल महिलाएं ही रहती है। इस आइलैंड की खासियत ही यहां की नारी प्रधान समाज है। जो पूरे द्वीप की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
एस्टोनिया का किहनु आइलैंड, महिलाओं के आइलैंड के नाम से दुनियाभर ने प्रचलित है। इतना ही नहीं इस आइलैंड का नाम यूनेस्को के इंटैंजिबिल कल्चरल हेरिटेज ऑफ यूमैनिटी (UNESCO’s Intangible Cultural Heritage of Humanity) की लिस्ट में शामिल किया गया है। यहां लगभग 300 लोग निवास करते हैं, जिसमें ज्यादातर महिलाएं हैं।
अब आपके जहन में कुछ सवाल उठ रहे होंगे की यहां सिर्फ महिलाएं ही क्यूं रही हैं? पुरुष क्यों नहीं रहते हैं? ऐसा है तो इनका परिवार कैसे चलता होगा। तो चलिए आपको इन सवालों को जवाब देते हैं।
आइलैंड पर रहने वाले पुरुष एस्टोनिया में नौकरी करने चले जाते हैं। इसलिए आइलैंड पर सिर्फ महिलाएं ही रह जाती हैं और इस पूरे आइलैंड की जिम्मेदारी इन महिलाओं के कंधे पर है। महिलाएं त्योहारों को धूम-धाम से मनाती हैं, नाचती हैं, गाती हैं और शिल्पकारी कर के पैसे कमाती हैं। इतना ही नहीं ये महिलाएं ही लोगों की शादी से लेकर अंतिम संस्कार तक सारे रीति रीजवाज अदा करवाती हैं।
कहा जाता है कि पहले इस आइलैंड पर क्रिमिनल और देश निकाला की सजा भुगत रहे लोग ही रहा करते थे। बाद में करीब 50 सालों तक आइलैंड पर सोवियत संघ ने कब्जा कर रखा था। इसके बाद से यहां महिलाओं का वर्चस्व हो गया। तब से इस आइलैंड को ज्यादातर महिलाएं ही चला रही हैं।
लेकिन बदलते दौर के साथ अब यहां लड़के-लड़कियां आइलैंड से बाहर जाकर पढ़ाई या नौकरी करना चाहते हैं, जिसकी वजह से धीरे-धीरे यहां की मातृसत्ता वाली परंपरा अब खत्म होती जा रही है।
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