सुप्रीम कोर्ट में NEET UG विवाद पर ग्रेस मार्क्स से जुड़ी याचिका पर आज मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत ने कहा, ‘अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते हैं।
बेंच ने सरकार और NTA से यह भी कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है। इससे पहले 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की टिप्पणी कर ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट की परीक्षा रद्द की थी। तब कोर्ट का कहना था, ‘एक भी फर्जी डॉक्टर बनता है तो पूरी परीक्षा रद्द होनी चाहिए।
इस बात के सबूत हैं कि परीक्षा में इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज का इस्तेमाल हुआ है, लेकिन कितने स्टूडेंट्स ने इसका इस्तेमाल किया, ये नहीं कहा जा सकता। ऐसे में परीक्षा रद्द करना जरूरी है।’
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