गुजरात के राजकोट के टीआरपी गेमजोन में आग लगने की घटना को अब गुजरात हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आज दूसरी बार सुनवाई की जिसमें राजकोट नगर निगम (RMC) को बर्खास्त कर दिया गया।
गुजरात हाई कोर्ट ने पूछे तीखे सवाल
गुजरात हाई कोर्ट ने सिस्टम और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हमें सरकार और सिस्टम पर भरोसा नहीं है। जब गेम ज़ोन बिना किसी मंजूरी के तीन साल से चल रहा था तो RMC क्या कर रही थी?’ इतना ही नहीं कोर्ट ने कमिश्नर से भी सवाल जवाब किया।
सरकारी मशीनरी पर अब भरोसा नहीं रहा..: गुजरात हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा, ‘हमें सरकार की मशीनरी पर भरोसा नहीं है, कोर्ट के निर्देशों के बावजूद ऐसी घटनाएं होती हैं। आपको इस गेम ज़ोन के बारे में 18 महीने तक पता नहीं था? RMC कमिश्नर उद्घाटन में गए तो कोर्ट के निर्देशों का क्या हुआ? कोर्ट ने RMC से सवाल पूछा, ‘यह गेम जोन कब चालू हुआ? अनुमति नहीं मांगी, लेकिन यह आपकी जिम्मेदारी थी।’
हाई कोर्ट के जांच सवालों का जवाब देते हुए सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार ने तत्काल कदम उठाये और राज्य के सभी गेमज़ोन बंद कर दिए गए हैं।
सरकार इस घटना को लेकर बेहद गंभीर है और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। छह अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। छह आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और दो को गिरफ्तार कर लिया गया है>
य़ाचिकाकर्ता के आरोप?
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि राजकोट TRP गेम जोन की ओर से कोई मंजूरी नहीं ली गई। बच्चों समेत बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई, जो हत्या से कम नहीं है। नियमों का पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि गेम ज़ोन अवैध जगह पर चल रहा था, लेकिन प्रशासन और पुलिस ने इस पर ध्यान नहीं दिया। गुजरात उच्च न्यायालय ने राजकोट नगर निगम की उसके ढीले रवैये और तीन साल तक कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए आलोचना की थी।
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