अयोध्या के राम मंदिर में कल अरुण योगिराज द्वारा बनाई गई रामलाला की 51 इंच बड़ी मूर्ति की गर्भ गृह में सारी पूजा पाठ के साथ स्थापना हुई। यह मूर्ति काले पत्थर से बनी है और रामलला को एक 5 साल के रूप में दर्शाती है जो कमल के उपर खड़े हैं। इस मूर्ति का वज़न 150 से 200 किलो है। मूर्ति की तस्वीर आज सुबह केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे द्वारा ट्विटर पर डाली गयी।
22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के उपलक्ष्य में अनुष्ठान करेंगे। लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में पुजारियों की एक टीम मुख्य अनुष्ठान का नेतृत्व करेगी। इस समारोह में कई मशहूर हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है।
इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा के शुभ समारोह के पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यह कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है कि मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति किसी बच्चे की तरह नहीं दिखती है। उन्होंने कहा, ”मैं शुरू से कहता आ रहा हूं कि जिस रामलला की मूर्ति को लेकर विवाद हुआ और उसे तोड़ दिया गया, वह कहां है? दूसरी मूर्ति की क्या जरूरत थी? हमारे गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने भी सुझाव दिया था कि भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाए सिंह ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा, “राम जन्मभूमि मंदिर एक बच्चे के रूप में होना चाहिए और माता कौशल्या की गोद में होना चाहिए। लेकिन मंदिर में जो मूर्ति बैठाई जा रही है वह एक बच्चे की तरह नहीं दिखती है।”
इस बीच, 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह की तैयारी के लिए गुरुवार को अयोध्या शहर को जीवंत फूलों से सजाया गया है। और रामलला के मूर्तिकार मैसूरु के अरुण योगिराज और उनके परिवार को मैसूर की प्रसिद्ध दुकान श्री महालक्ष्मी स्वीट्स ने विभिन्न प्रकार की मिठाइयों से बनी राम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।
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