New Delhi: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने 8 नवंबर 2024 को अपने अंतिम कार्य दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में 45 केसों की सुनवाई की। उनकी विदाई के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में सेरेमोनियल बेंच बैठी, जिसमें उनके साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला और 10 नवंबर से नए CJI बनने वाले जस्टिस संजीव खन्ना मौजूद रहे। जस्टिस खन्ना देश के 51वें CJI होंगे।
कार्यकाल की मुख्य विशेषताएं
CJI चंद्रचूड़ ने 13 मई 2016 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पद से सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने अपने कार्यकाल में कुल 1274 बेंचों का हिस्सा बने और 612 फैसले लिखे। मौजूदा सुप्रीम कोर्ट के जजों में CJI चंद्रचूड़ के फैसलों की संख्या सबसे अधिक है। उनकी विशिष्टता यह भी रही कि उन्होंने महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों पर ऐतिहासिक निर्णय दिए, जिनमें लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों को मजबूत करने का संदेश था।
कार्यकाल के ऐतिहासिक फैसले
CJI चंद्रचूड़ का कार्यकाल ऐतिहासिक और संवेदनशील मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णयों से भरा रहा है, जिसमें निम्नलिखित फैसले शामिल हैं:
- अनुच्छेद 370: जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने को संवैधानिक चुनौती दी गई थी। इस मामले में उनकी बेंच ने फैसला सुनाया, जो संवैधानिक कानून के क्षेत्र में मील का पत्थर बना।
- राम जन्मभूमि मामला: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के विवादित मामले में न्यायपालिका ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जो दशकों से चले आ रहे इस विवाद का समाधान बना।
- वन रैंक-वन पेंशन: सैन्य कर्मियों के पेंशन को लेकर एकरूपता लाने के उद्देश्य से ‘वन रैंक-वन पेंशन’ नीति के संदर्भ में भी उन्होंने महत्वपूर्ण निर्णय दिए, जिससे लाखों पूर्व सैन्य कर्मियों को लाभ पहुंचा।
- CAA-NRC और चुनावी बॉन्ड: CAA-NRC कानून की वैधता और चुनावी बॉन्ड को लेकर भी न्यायालय के समक्ष संवेदनशील मामले आए, जिन पर चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया।
- महिला अधिकार और लैंगिक समानता: सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े फैसले में भी उनकी बेंच ने महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के पक्ष में निर्णय दिया, जो लैंगिक समानता को प्रोत्साहन देने वाला था।
CJI के यंग लुक पर चर्चा
CJI चंद्रचूड़ के आखिरी दिन वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उनके यंग लुक का राज जानने की इच्छा जताई। CJI चंद्रचूड़ का जज के तौर पर करिश्माई व्यक्तित्व और उनकी सूक्ष्म न्यायिक समझ ने उन्हें युवाओं के बीच भी लोकप्रिय बना दिया है।
विदाई का दिन
CJI चंद्रचूड़ की सेरेमोनियल बेंच को लाइव स्ट्रीम किया गया, जिसमें उनकी उत्कृष्टता और उनके योगदान को सराहा गया। उनके पद छोड़ने से सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक विचारों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति गहरी समझ रखने वाले एक अनुभवी न्यायाधीश की कमी महसूस की जाएगी।
CJI चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल न्यायिक प्रणाली में उनकी विशेष पहचान को रेखांकित करता है, और उनके द्वारा स्थापित मानदंड न्यायिक क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक बने रहेंगे।
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