रूस के कजान में आयोजित BRICS समिट 2024 एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है, जहां चार नए देशों को संगठन में शामिल किया गया है। इस समिट में 13 नए पार्टनर देशों को भी शामिल किया गया है, जिसमें अल्जीरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, नाइजीरिया, तुर्की और उज्बेकिस्तान जैसे सात मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं। हालांकि, पाकिस्तान को इस बार संगठन में कोई स्थान नहीं मिला है, जिसने BRICS में शामिल होने के लिए आवेदन किया था।
पाकिस्तान की अनुपस्थिति
पाकिस्तान की अनुपस्थिति इस समिट में एक बड़ा मुद्दा बन गई है। यह स्पष्ट है कि उसे पार्टनर देशों में भी जगह नहीं मिल पाई, जो कि BRICS के औपचारिक सदस्य नहीं हैं, लेकिन संगठन की योजनाओं का हिस्सा बन सकते हैं। इस बार 30 से अधिक देशों ने BRICS की सदस्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन पाकिस्तान का नाम इनमें शामिल नहीं हो पाया।
संगठन की कार्यक्षमता
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस समिट में एक महत्वपूर्ण बात कही: “हम नए देशों को शामिल करते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि इससे संगठन की कार्यक्षमता पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।” यह संकेत करता है कि BRICS अब अपने विस्तार के साथ-साथ अपने मूल उद्देश्यों को भी ध्यान में रख रहा है।
BRICS का विस्तार और नए देशों को जोड़ने का निर्णय एक सकारात्मक कदम है, लेकिन पाकिस्तान की अनुपस्थिति निश्चित रूप से चिंता का विषय है। पाकिस्तान के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिससे वह BRICS के साथ सहयोग बढ़ा सकता था। इस प्रकार के निर्णय वैश्विक राजनीति में गहरे प्रभाव डाल सकते हैं, और यह दिखाते हैं कि सदस्य देशों की प्राथमिकताएं और रणनीतियां किस दिशा में बढ़ रही हैं।
इस समिट का परिणाम यह साबित कर सकता है कि BRICS वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को कैसे और मजबूत करता है, और यह देखते हुए कि कितने देश इस संगठन का हिस्सा बनना चाहते हैं, भविष्य में कई और महत्वपूर्ण बदलाव संभव हैं।
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