CATEGORIES

May 2024
MTWTFSS
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031 
May 9, 2024

सैनिकों के साथ सरहद पर आकर स्थिर हुए भेड़िया बेट हनुमान जी

सरहद पर विराजमान भेड़िया बेट हनुमान जी मंदिर के प्रति आस्था अपने आप में एक कहानी है। आज शनिवार है, हनुमान जी की पूजा, अर्चना और आशीर्वाद प्राप्त करने का दिन। आज हम आपको बताएंगे ,कहानी भेड़िया बेट हनुमान जी की। सन 1971 के युद्ध के बाद भारत के सैनिकों के साथ सरहद पर विराजमान है भेड़िया बेट हनुमान जी।

सन 1971 का भारत पाकिस्तान का युद्ध अपने आप में अनेकों कहानी समेटे हुए हैं। धार्मिक चमत्कार जैसी बातें बहुत ही कम सुनने में आई है। सन 1971 के युद्ध के दौरान कच्छ की सरहद से भारत की सेना पाकिस्तान में 60 किलोमीटर अंदर तक घुस गई थी । जिन विस्तारों में भारत की सेना पहुंची थी,ये पाकिस्तान की चौकियां थी।जिनके नामों में चारबेट,हनुमान तलाई, विंगी, पनेली, जाटली जैसे नाम शामिल थे। उस समय भारत की सेना ने पाकिस्तान के थारपरकर क्षेत्र के डिपलो गांव में स्थित हनुमान तलाई गांव में टेंपरेरी कामकाज के लिए चौकी स्थापित कर दी थी। इस गांव में हनुमान जी की एक मूर्ति विराजमान थी,यहां पर भारत के सैनिक नियमित आरती पूजा करते थे। शिमला करार के अंतर्गत जब युद्ध समाप्त हुआ, और भारतीय सैनिक भारत वापस आने लगे तो उनके मन में यह था कि हनुमान जी को भारत कैसे लाया जाए ।यह किसी एक के मन की बात नहीं थी, तकरीबन सभी को एक साथ इस प्रकार की सोच आ रही थी ।

आखिरकार हनुमान जी को ऊंट पर ले जाने का निश्चय किया गया। हनुमान जी की मूर्ति को उनकी नींव की ईंटों के साथ भारतीय सरहद में लाया गया। रात होने पर जब सेना के जवान विराम के लिए रुके तो वह स्थल भेड़िया बेट था। यहां पर उन्होंने मूर्ति को रखकर रात्रि बीताई ,और सुबह जब मूर्ति को आगे ले जाने के लिए उठाने की कोशिश की गई तो मूर्ति वहां पर स्थिर हो गई, हिली तक नहीं। सेना के जवानों के अनेकों प्रयास जब विफल रहे तब मूर्ति को वही छोड़ कर सेना आगे बढ़ गई ,पर भेड़िया बेट के स्थानीय सैनिकों ने यहां पर एक छोटा सा मंदिर बनाया ।

बाद में स्वामीनारायण ट्रस्ट ने इसका जीर्णोद्धार किया।आज एक बहुत ही सुंदर मंदिर बन गया है।यहां पर नियमित पूजा पाठ होता है ,और श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होने पर यहां भेड़िया बेट हनुमान जी का महत्व बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है। जब किसी की मन्नत पूरी होती है तो, मंदिर में घंट अर्पण किया जाता है। आज भी सेना के जवान इस मंदिर में पूरी श्रद्धा रखते हैं ।आसपास के लोग भी यहां पर नियमित आते हैं। इस मंदिर की ख्याति इतनी दूर-दूर तक पहुंच चुकी है कि भारत भर से लोग भेड़िया बेट हनुमान जी मंदिर आते हैं और दर्शन का लाभ लेते हैं।