26-07-2023
इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 की पांचवी और आखिरी अर्थ बाउंड ऑर्बिट रेजिंग प्रोसेस सक्सेसफुली पूरी की। चंद्रयान अब 127609 km x 236 km की ऑर्बिट में है। इसका मतलब है कि चंद्रयान ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है, जिसकी पृथ्वी से सबसे कम दूरी 236 km और सबसे ज्यादा दूरी 127609 km है।
इससे पहले 20 जुलाई को ऑर्बिट 71351 Km x 233 Km की गई थी। अब स्पेसक्राफ्ट 31 जुलाई और 1 अगस्त की मध्यरात्रि स्लिंग शॉट के जरिए पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। 5 अगस्त को चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचेगा। 23 अगस्त को ये चंद्रमा पर लैंड करेगा।
चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। इस मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।
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