आज का यूथ अपने फिटनेस को लेकर काफी एक्टिव है। फिटनेस के लिए कई तरह के विकल्प आजमाते हैं इसमें कोई जिम जाता है तो किसी को योग और कार्डियों पसंद है। वहीं आज कल यूथ कम इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करने के लिए ज्यादा रुझान दिखा रहे हैं। फिटनेस फ्रिक लोगों में पिलाटे कर के वजह कम करने का ट्रेंड काफी तेज हो गया है। कई फिल्म सेलिब्रिटी करीना कपूर से लेकर, जानह्ववी कपूर तक पिलाटे एक्सरसाइज करते हुए देखा जा रहा है। यदि आप घंटो योग में पसीना बहाते है उसके बाद भी वजन कम नहीं हो रहा हो तो आप पिलाटे सीख सकते हैं। लेकिन, दोनों के ही अपने अलग-अलग फायदे हैं।
योगा (Yoga) के एडवांटेज
योग कई प्रकार के होते हैं, इसे करने के भी बहुत से तरीके हैं। सांस लेना और ध्यान योग के दो सबसे महत्वपूर्ण बिंदू हैं। ऐसी कई बीमारियां और स्वास्थ्य स्थितियां है जिनका योग करके निजात पाया जा सकता है। यदि किसी भी बीमारी का वक्त में पता चल जाता है तो उसे योग की मदद से दूर किया जा सकता है। यह शारीरिक गतिविधि और दिमागी फोकस को कनेक्ट करने का काम करता है। योग के अभ्यास से सांस और ऊर्जा के बारे में भी जागरुकता बढ़ती है। योग हाईब्लडप्रेशर, क्रोनिक दर्द, बेचैनी, आर्थराइटिस, सांस से जुड़ी दिक्कतों कई प्रकार के स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों में मददगार होता है।
पिलाटे (Pilates) के फायदे
पिलाटे को आप योगा का एडवांस फॉर्म भी कह सकते हैं। इसमें बेल्ट, बैंड और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जाता है। पिलाटे की शुरुआत पहले विश्व युद्ध के दौरान सैनिकों की शारीरिक क्षमता को मजबूत करने के लिए की गई थी। पिलाटे में शांत माहौल की आवश्यकता नहीं है। इसे आप म्यूजिक से साथ और भी दिलचस्प बना सकते हैं। यदि आपको जिम का अंदाज पसंद है तो पिलाटे आपको जरूर पसंद आएगा। आज कल यूट्यूब पर भी पिलाटे पर कई सारे वीडियोज मौजूद हैं जिनसे आप अपने घर पर भी इसे प्रेक्टिस कर सकते हैं।
पिलाटे से बॉडी की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। खासकर पेट और पीठ के नीचे वाले हिस्से को फायदे पहुंचते हैं। इससे आपके शरीर की शारीरिक क्षमता तेजी से बढ़ती है। इससे आपका शरीर लचीला बनता है। यदि आपको गठिया रोग है तो पिलाटे आपको बहुत आराम पहुंचाएगा। इससे आपके शरीर को सही पॉश्चर मिलता है। भले ही पिलाते में आपको सांस गिनने की प्रक्रिया पर ध्यान नहीं देना पड़ता लेकिन इससे सांस लेने की प्रक्रिया बेहतर होती है। रीढ़ की हड्डी की मजबूती चाहते हैं तो भी पिलाटे बेस्ट है। चोट या दर्द को दूर करने के लिये डॉक्टर पिलाटे करने की सलाह देते हैं।
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योग हो या पिलाटे (Sculpting Your Body and Mind) ये दोनों ही आपके शरीर को तराशने का काम करते हैं। तो आइए इस ब्लॉग में जानते हैं पिलाटे और योग में क्या फर्क है।
- सबसे पहले हम आपको ये बता दें कि योग हो या पिलाटे दोनों ही आपके शरीर की सेहत बनाने में कारगर है। योग व्यायाम नहीं हो सकता। पिलाटे एक प्रकार का व्यायाम है।
- पिलाटे में केवल आपके शारीर की गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। वहीं योग में मन और शरीर दोनों की गतिविधियों पर फोकस किया जाता है।
- योग से शरीर स्थिर बनता है जबकि पिलाटे से शरीर में तेजी आती है।
- योग आपको अपनी सांस संतुलित करने का मौका देता है। वहीं पिलाटे में सांस की गिनती नहीं की जाती।
- योग में आपको केवल एक योगा मेट की जरूरत होती है। लेकिन, पिलाटे के लिए आपको उपयोगी उपकरण होना जरुरी है.
- योग से आपके शरीर के अंदरुनी अंग भी मजबूत होते हैं और पिलाटे बाहरी अंगों पर ध्यान देता है।
- योग से वजह कम करने में लोगों को काफी वक्त लगता है, लेकिन पिलाटे की प्रक्रिया से वजह जल्दी घटता है और योग में पिलाटे के मुकाबले ज्यादा वक्त लगता है।
- पिलाटे ताकत के साथ मांसपेशियों की टोनिंग करने में मदद करता है और शरीर को लचीला बनाता है। वहीं योगा संतुलन, शक्ति, स्प्रिचुअल जैसे पोइंट पर फोकस करता है।
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