नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। लोग मां दुर्गी की उपासना के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियों में जुट जाते हैं। कई जगह गरबा और डांडिया नाइट्स का भी आयोजन किया जाता है। इसमें महिलाओं में डांडिया और गरबा नाइट्स को लेकर काफी ज्यादा एक्साइटमेंट देखने को मिलता है। वे स्पेशन नाइट के लिए खूब-सजती-संवरती हैं। गरबा ग्राउंड में भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है। लेकिन, गुजरात के वडोदरा में एक ऐसी जगह है जहां महिलाओं को गरबा खेलने की इजाजत नहीं दी जाती। यहां केवल पुरुष वर्ग ही गरबा खेल सकते हैं। शायद आपको ये सुनने में अटपटा लगे, लेकिन यहां केवल पुरुषों द्वारा ही गरबा खेला जाता है।
गुजरात के वड़ोदरा के मांडवी में प्रसिद्ध अंबा माता की पोळ है। यहां अंबा माता मंदिर के आगे सालों से शेरी गरबा का आयोजन होता आ रहा है। ये जगह खास इसलिए है क्योंकि यहां सिर्फ पुरुषों को ही गरबा खेलने की इजाजत है। महिलाओं को यहां एंट्री नहीं दी जाती है।
आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों सब जगह तो महिलाओं और पुरुष दोनों ही एक साथ मिलकर गरबा खेलते हैं तो यहां केवल पुरुषों को ही एंट्री क्यों दी जाती है। इसके पीछे भी एक परंपरा जुड़ी हुई है।
घड़ियाली पोल में स्थित अंबा माता मंदिर वडोदरा का काफी प्राचीन मंदिर है। पुरुषों द्वारा गरबा ही यहां की खासियत है। इसका इतिहास बहुत ही पुराना है। दरअसल पहले के वक्त में महिलाओं को ज्यादा देर तक घर से बाहर रहकर गरबा खेलने की इजाजत नहीं मिलती थी, तो यहां पुरुष द्वारा ही मां की चुनरी ओढ़कर गरबे खेले जाते थे। तब से लेकर अब तक यहां यही प्रथा चली आ रही है। यहां महिलाएं मंदिर के झरोखों में बैठकर गरबा गाती हैं और पुरुष वर्ग गरबा खेलते हैं।
आपको बता दें कि गुजरात की नवरात्रि विश्वभर में प्रचलित है। यहां देश-विदेश से इस त्योहार को मनाने के लिए लोग जुटते हैं और मां अंबे की उपासना करते हैं।
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