रथ यात्रा के आयोजन से कुछ दिन पहले भगवान जगन्नाथजी को स्नान कराने की पौराणिक परंपरा को निभाया जाता है, इसी क्रम में आज गोत्री इस्कॉन मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
अषाढ़ महीने की दोज़ के दिन भारत में श्रद्धा के साथ रथ यात्रा के आयोजन होते हैं।रथ यात्रा के उपलक्ष में गोत्री के इस्कॉन मंदिर में आज भगवान जगन्नाथजी के महा अभिषेक का आयोजन किया गया।भगवान जगन्नाथ के साथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का हर वर्ष की तरह पारंपरिक रूप से इस्कॉन मंदिर ट्रस्ट की ओर से स्नान कराया गया।मंदिर परिसर में सजाए गए विशेष पंडाल में भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा को विराजित कर इस धार्मिक परंपरा को निभाया गया। इस मौके पर सांसद रंजनबेन भट्ट, विधायक सीमा मोहिले, मनीषा वकील, डिप्टी मेयर नंदा जोशी,भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भार्गव भट्ट, इस्कॉन मंदिर के उपाध्यक्ष नित्यानंद स्वामी की उपस्थिति रही।
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि स्नान कराने से भगवान बीमार हो जाते हैं ऐसे में रथयात्रा के 15 दिन पूर्व उन्हें स्नान कराकर 15 दिन एकांतवास में रखा जाता है ।इन दिनों में भगवान भक्तों को दर्शन भी नहीं देते हैं।सिर्फ मंदिर के पुजारी ही भगवान की सेवा पूजा करते हैं। इस दौरान भगवान को काढा और तरह-तरह की औषधि पिलाकर उनका उपचार भी किया जाता है और फिर दोज के दिन भगवान स्वस्थ होकर नगर जनों को दर्शन देने खुद भ्रमण पर निकलेंगे।वैसे इस वर्ष भी कोरोना महामारी के चलते सरकार रथ यात्रा के आयोजन को लेकर असमंजस में है और जल्द सरकार इस पर निर्णय ले सकती है।
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