20-03-2023, Monday
एक वक्त था जब हमारे कानों में सुबह की पहली किरण के साथ ही बहुत मीठी आवाजें पड़ती थीं।ये चिड़ियों की आवाज थी और इन्हें भारत में गौरैया के नाम से जाना जाता है।वक्त बदला और तेज रफ्तार देश-दुनिया में गौरैया की आबादी कम होती चली गई।हमारे घर-आंगन में फुदकने वाली गौरैया कहीं गुम हो गई है। जिसकी चहचहाहट में प्रकृति का संगीत सुनाई देता था वो अब मुश्किल से दिखाई देती है, कहां गई और क्यों गई गौरैया?
मानवीय जीवन के करीब मानी जाने वाली गौरैया अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। हमारी बदलती जीवनशैली से उनके रहने की जगह नष्ट कर दी है।इसने ही गौरैया को हमसे दूर करने में अहम भूमिका निभाई है।ग्रामीण अंचलों में आज भी गौरैया के दर्शन हो जाते हैं परन्तु महानगरों में उसके दर्शन दुर्लभ है। जिसमें बड़ी-बड़ी इमारतें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि नन्हीं सी चिड़ियाओं को लुप्त होने से कैसे बचाया जाएं!!गौरैया को अपने घर और आसपास घोंसले बनाने दें और अपनी छत, आंगन, खिड़की, मुंडेर पर दाना-पानी रख दें। गर्मी आ रही है तो गौरैया के लिए घर के बाहर पानी रख दें।घर के आसपास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।फसलों में रासायनिक कीटनाशकों की जगह जैविक कीटनाशक प्रयोग करें।
More Stories
सूरत में खुला फर्जी अस्पताल का काला धंधा: बिना डिग्री के डॉक्टरों का खेल, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल!
UP में 3 दिन तक फ्री दिखाई जाएगी ‘The Sabarmati Report’, जानें CM योगी ने फिल्म देखकर क्या कहा-
पाकिस्तान की शर्मनाक करतूत: शहीद सैनिकों के शव गधे पर लादकर ले जाने का वीडियो हुआ वायरल!