जल ही जीवन है। यह पंक्ति तो हमने स्कूल में सुनी ही होगी। और याद है स्कूल में कैसे हमें “जल बचाना चाहिए” उसके ऊपर निबंध लिखवाया करते थे। स्कूल में यह लिखवाने के पीछे का मकसद हमें पानी के महत्व का एहसास दिलाना और उसे बचाने के लिए प्रयत्न करना था। और ऐसा ही एक कार्य आज का दिन, यानी World Water Day करता है।
पानी के महत्व को समझाने और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है। हमारी पृथ्वी 70% पानी से बनी है। लेकिन, उसमें से केवल 3% ही पीने लायक शुद्ध और साफ़ पानी है। पानी के बिना जीना असंभव है। और ऐसे में विकास के लिए तेजी से बढ़ रही फैक्ट्रियां और जनसंख्या के कारण पानी के सीमित संसाधनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। अर्थात बढ़ती आबादी की वजह से पानी का जरूरत से ज्यादा उपयोग हो रहा है।
जाने अनजाने पानी की बर्बादी और जल प्रदूषण के कारण लोग पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। इसी समस्या से विश्व को अवगत कराने, पानी की बर्बादी को रोकने, जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में पर्यावरण और विकास के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने एक सम्मेलन का आयोजन किया था। उसी दिन विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई। बाद में 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया। और उसके बाद हर साल 22 मार्च को यह दिन मनाया जाता है।
इस साल विश्व जल दिवस 2024 की थीम ‘शांति के लिए जल का उपयोग’ (Leveraging Water for Peace) है। ये विषय वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करने में पानी के महत्व पर जोर देता है।
लोगों को आजकल स्वच्छ पानी मिलना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए हमारी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम पानी की बचत करें जिससे आने वाली पीढ़ियों को पानी का आभाव महसूस न हो।
कैसे करें पानी की बचत
➤ सबसे पहले तो अपने घरों में जो नल टपक रहे हैं उन्हें रिपेयर कराएं। शायद आपको यह जानकार आश्चर्य होगा लेकिन सबसे ज़्यादा पानी का नुक्सान लीक होते नल से ही होता है।
➤ नहाते समय, ब्रश करते समय, कपड़े और बर्तन धोते समय बहते पानी को रोकें, यानी नल बंद रखें। जब ज़रुरत हो तभी नल चालू करें। हो सके तो एक बाल्टी भरकर रखें।
➤ रेन वाटर हार्वेस्टिंग करें। जब भी बारिश आए तो अपने घरों में एक ऐसा सिस्टम लगाएं जिससे वह इस बारिश के पानी को स्टोर कर सके।
➤ गाड़ी या पोर्ट धोते समय हम पानी का काफी दुर्पयोग करते हैं तो इस वक्त आप ध्यान में रखे और कम पानी का उपयोग करें।
➤ प्लांटेशन करना अच्छी आदत है, लेकिन हम भूल जाते हैं कि पेड़-पौधो को लीमिट से ज्यादा पानी दे देते हैं। इसकी वजह से पानी काफी वेस्ट होता है। पेड़-पौधो को पानी देने के लिए आप स्प्रिंकल का भी उपयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा जहाँ आपको लगता है कि पानी का दुरूपयोग होता है, वहां जितना कम हो सके उतना कम पानी का उपयोग करें।
शुद्ध पानी का सबसे बड़ा और सबसे एहम जरिया होती है नदियां। भारत के कई सारे इलाकों में नदियों से ही घरों में शुद्ध पीने का पानी जाता है। इनमें से गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, सरयू और ऐसी अन्य बड़ी नदियां शामिल हैं। हालाँकि ग्राउंड वाटर भी एक जरिया है। लेकिन, बोरवेल के कारण इसका लेवल भी कम होता जा रहा है। हमें जितना हो सके उतना पानी की बचत करनी चाहिए।
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