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May 3, 2024

यदि आप भी हो जाए डीपफेक टेक्नोलॉजी का शिकार तो ध्यान रखें ये बातें!

सोशल मीडिया पर पॉपुलर सेलिब्रिटीज का डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद डीपफेक टेक्नोलॉजी इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। डीपफेक टेक्नोलॉजी ज्यादा पुरानी नहीं है। इसका निजात पिछले कुछ सालों में ही किया गया है। जो गहन चिंता का विषय बन गई है। आपको याद होगा की जब मोबाइल फोन का आविष्कार हुआ था तब उसमें ना ही कैमरा था और न ही कोई अन्य फीचर लेकिन, समय के साथ साथ टेक्नोलॉजी अपडेट होती गई। आज आप अपने हाथ में जो मोबाइल फोन पकड़ते हैं वो महज एक डब्बा ही नहीं है बल्कि एक हथियार बन गया है। आज इसकी टेक्नोलॉजी को गलत तरीके से इस्तेमाल कर लोगों की जिंदगी खराब करने की कोशिश की जा रही है। इसमें से एक है यह डीपफेक टेक्नोलॉजी जिसका गलत तरीके से प्रयोग किया जा रहा है।

आज की जनरेंशन में बहुत से ऐसे सॉफ्टवेयर है जो चंद मिनटों में ही किसी का भी डीपफेक वीडियो बना सकते हैं। ये एक ऐसा खतरा है जो पूरी दुनियां के सामने चुनौती बनकर डरा रहा है।

डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कानून

यदि डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी से किसी प्रकार का फेक वीडियो बनाया जाता है तो ऐसे मामलों में आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत कार्रवाई हो सकती है। और अधिक्तम तीन साल के लिए जेल की सजा हो सकती है। इतने बड़े गुनाह के लिए केवल तीन साल की जेल वो भी अधिक्तम।

जब अदालत में ये मामला जाएगा तो इसकी कार्रवाई में वर्षों का वक्त लग जाएगा। जब तक जिसका फेक वीडियो बनाया गया है उसकी पूरी तरह से बदनामी हो चुकी होगी। जब तक कोर्ट की कार्रवाई होगी तब तक ये वीडियो करोड़ों लोगों तक पहुंच चुका होगा। क्या हो यदि ऐसे कोई फेक वीडियो बने ही ना। लेकिन, कोई भी ऐसी चीजों ऐसी टेक्नोलॉजी के लिए प्रयास ही नहीं कर रहा।

शिकार होने पर क्या करें

इस गंभीर स्थिती में हमें खुद में सावधान होने की जरूरत है। इनमें सबसे ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को टार्गेट किया जाता है इसलिए उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। 99 प्रतिशत फेक वीडियो महिलाओं के ही बन रहे हैं। यदि आपका ऐसा फेक वीडियो आ भी जाता है तो डरने की आवश्यकता नहीं। आपको भी वहीं करना चाहिए जो रश्मिका मंदाना ने किया। इसके बारे में तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए।

अगर आपका भी ऐसा कोई फेक वीडियो वायरल हो तो आपको सोशल मीडिया में लिखकर बताना चाहिए कि ये आपका वीडियो नहीं बल्कि फेक वीडियो है। छिपने या डरने से काम नहीं चलेगा। आपको और आपके परिवार को सबसे पहले इसका सामना करना होगा। फिर इसके बाद आप पुलिस की मदद भी ले सकते हैं। यदि पुलिस या राज्य सरकार में कोई आईटी सेल है तो वहां अपनी शिकायत दर्ज कराए।

इसके अलावा जिस भी सोशल मीडिया पर आपका जहां वीडियो वायरल हुआ हो। जैसे फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप, यूट्यूप जहां भी आपका वीडियो वायरल हो रहा हो उन्हें लिखकर रिपोर्ट करें। ध्यान रखें यदि आप अपने लिए आवाज नहीं उठाओगे तो सभी आप को ही गलत ठहराएंगे। तो ऐसी स्थिती में डर कर चुप रहकर कोई फायदा नहीं है इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने की जरूरत है।