अभी तक सरकार कोरोना महामारी में वयस्कों की भांति बच्चों में भी संक्रमण का खतरा होने के अलावा गंभीर मामलों से इनकार रही थी लेकिन अब नए अध्ययन और महामारी के साथ-साथ वायरस के नए स्वरूपों के व्यवहारों का अध्ययन करने के बाद पहली बार सरकार ने दिशा-निर्देशों पर काम करना शुरू कर दिया है।
केंद्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर पड़ने की आशंका से तैयारी शुरू कर दी है। देश में कोरोना के हालात पर मंगलवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि बच्चों में कोरोना की बीमारी गंभीर नहीं होती, लेकिन हो सकता है कि वायरस अपना व्यवहार बदल ले तो इंफेक्शन बढ़ सकता है। इसी लिहाज से तैयारी की जा रही है। इस मसले पर एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप बनाया गया है। डेटा और अनुभव को देखते हुए गाइडलाइंस तैयार की जा रही हैं।
नीति आयोग का कहना है कि बच्चों के लिए अलग से चिकित्सीय दिशा निर्देश तैयार हो रहे हैं। अगले एक से दो दिन में यह दिशा-निर्देश राज्यों को भेजे दिए जाएंगे। इसी के साथ ही अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से व्यवस्थाएं बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। नीति आयोग का कहना है कि, अभी बच्चों में संक्रमण का खतरा है लेकिन संक्रमित होने के बाद गंभीर मामले बहुत कम हैं। ज्यादातर बच्चे संक्रमित होने के बाद घर पर ही ठीक हो रहे हैं।
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