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December 7, 2023
Breast Cancer Awareness Month

ब्रेस्ट कैंसर से बचना है, तो खुद को दे केवल 5 मिनट

अक्टूबर महीना ब्रेस्ट कैंसर जागरुकता माह के तौर पर मनाया जाता है। इसे पिंक अक्टूबर भी कहा जाता है। दरअसल हर साल इस महीने में ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है। जो इस बीमारी के जोखिम से बचाने में मदद करते हैं। इसके पीछे का कारण ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाना और इसके कारण, रोकथाम, निदान, उपचार और इलाज पर रिसर्च करने के लिए पैसे एकत्रित करना भी है।

स्तन कैंसर की बढ़ती घटनाओं के कारण यह खतरनाक बीमारी पिछले तीन दशकों में भारत में सबसे आम कैंसरों की लिस्ट में पहले स्थान पर पहुंच गई है, जो 1990 में चौथे स्थान पर थी। आज भारतीय महिलाओं में होने वाले सभी ट्यूमर में से 14% कैंसर स्तन कैंसर के कारण होता है। विश्व स्तर पर स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली सबसे आम घातक बीमारी है, जो 2020 में फेफड़ों के कैंसर को पीछे छोड़कर नंबर एक कैंसर बन गई है।

भारत में हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा स्तन कैंसर के मामले सामने आते हैं। इनमें लगभग 87 (सत्तासी) हजार महिलाएं इस बीमारी से बच नहीं पातीं। बहुत बार ऐसा होता है की सही वक्त पर स्तन कैंसर का पता नहीं चल पाता, जिससे उनकी जान बचाना मुश्किल हो जाता है। पर क्या आपको पता है यदि समय पर इसका पता चल जाए तो इसका इलाज मुमकिन है। तो क्यों न सही वक्त पर इसे रोका जाए।

इसके लिए हर महीने केवल 5 मिनट देकर आप ये जान सकते है कि आपका स्तन स्वस्थ्य है या नहीं। इन तीन स्टेप्स के जरिए आप अपने स्तन का परिक्षण खुद कर सकते हैं।

स्टेप वन: पहले एक शीशे के सामने खड़े हो जाए और देखिए। आपके स्तन और निप्पल में कोई बदलाव तो नहीं है। स्तन के आकार, प्रकार, रंग और बनावट को ध्यान से देखें।

स्टेप टू: आगे की ओर झुकें और इसे अपनी ऊंगली से हल्का सा दबाकर देखें।

स्टेप थ्री: पीठ के बल लेटकर सिर को तकिए पर रखें और अपने दाएं हाथ से बाएं और बाएं हाथ से दाएं स्तन को दबाकर देखें कि कोई गांठ आदि तो नहीं बनी है।

यदि इन स्टेप को करते वक्त कोई भी शंका लगे तो उसे पूरी तरह ध्यान में रखकर तुरंत ही अपने डॉक्टर से मिले और उन्हें इसके बारे में बताएं। यदि वक्त रहते स्तन कैंसर का पता चल जाता है तो इसे ठीक किया जा सकता है। तो महिने में केवल 5 मिनट खुद को देने से आप इस बीमारी से बच सकते हैं।

इसके पीछे का इतिहास

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी और इंपीरियल केमिकल इंडस्ट्रीज के फार्मास्युटिकल डिवीजन ने 1985 में पिंक मंथ यानि इस माह को ब्रेस्ट कैंसर जागरुकता माह मनाने का अभियान शुरू किया था।

इसके बाद 1992 में पिंक रिबन का चलन ब्रेस्ट कैंसर के प्रतीक के रूप में हुआ, इसलिए इसे पिंक मंथ के नाम से भी जाना जाता है। इस अभियान को मनाने का उद्देश्य ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने और रोकने के तरीके के रूप में मैमोग्राफी को बढ़ावा देना था।

ब्रेस्ट कैंसर एक बड़ी बीमारी तो है ही लेकिन उससे बचा भी जा सकता है, जरूरत है सिर्फ अपने शरीर के प्रति थोड़ा सा ध्यान देने की, अपने आपके लिए कुछ वक्त निकालें और एक बड़ी बीमारी से आप दूर रह सकते हैं।