CATEGORIES

May 2024
MTWTFSS
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031 
May 2, 2024

सचिन वझे के ड्राइवर ने अंबानी के घर के बाहर खड़ी की थी स्कॉर्पियो

31 Mar. Mumbai: मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो मिलने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बड़ा खुलासा किया है। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, मामले में गिरफ्तार API सचिन वझे के कहने पर ही उनके पर्सनल ड्राइवर ने जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो को 25 फरवरी की रात एंटीलिया के बाहर खड़ा किया था।

इस दौरान सचिन वझे उस इनोवा को चला रहा था, जो लगातार स्कॉर्पियो के पीछे थी। स्कॉर्पियो खड़ी करने के बाद ड्राइवर पीछे के गेट से बाहर निकला और इनोवा में बैठकर दोनों वहां से चले गए।

ड्राइवर ने सचिन वझे की सोसाइटी में छिपाई थी स्कॉर्पियो

NIA के मुताबिक, स्कॉर्पियो कांड की शुरुआत 17 फरवरी से शुरू हुई, जब इसके मालिक मनसुख हिरेन ने इसके स्टेयरिंग में खराबी की बात कहते हुए इसे मुलुंड-ऐरोली रोड पर पार्क किया था। CCTV फुटेज में साफ हो गया है कि मनसुख ने इसी दिन पुलिस हेडक्वार्टर के पास स्कॉर्पियो की चाभी सचिन वझे को सौंपी थी। वझे ने यह चाभी अपने ड्राइवर (नाम का खुलासा नहीं) को दी और उसे ऐरोली से उठाकार ठाणे स्थित अपनी सोसायटी (साकेत) में ले जाने को कहा।

NIA सूत्र के अनुसार, 19 फरवरी को वझे का ड्राइवर ही क्रॉफर्ड मार्केट में स्कॉर्पियो को लेकर गया और उसने पुलिस मुख्यालय में स्कॉर्पियो पार्क कर दी। जांच में यह सामने आया है कि स्कॉर्पियो वहां 21 तारीख तक खड़ी रही और उसी दिन ड्राइवर इसे वापस वझे की सोसायटी यानी ठाणे लेकर गया। जहां इसे 25 फरवरी तक छिपा कर रखा गया था। NIA का मानना है कि यही वजह है कि सचिन वझे ने अपनी सोसायटी और ऑफिस के CCTV फुटेज को नष्ट करने का प्रयास किया।

वहीं मंगलवार को स्पेशल कोर्ट में NIA ने बताया कि सचिन वझे और सजायाफ्ता सिपाही विनायक शिंदे ने एक मीटिंग में स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन को मारने की प्लानिंग की थी। यह गाड़ी मंगलवार को बरामद सचिन वझे की आउटलेंडर हो सकती है। हालांकि, इसकी पुष्टि फ़ॉरेंसिक की रिपोर्ट के बाद ही संभव है। NIA को जांच में अब तक कुल 7 कारें मिली हैं। 7वीं कार मुंबई के कमोठे इलाके से बरामद हुई है।

सचिन वझे के नाम पर रजिस्टर्ड इस कार का उपयोग वझे का सहकर्मी API प्रकाश ओवल कर रहा था। ये पहली कार है, जो सचिन वझे के नाम पर रजिस्टर्ड है। मित्सुबिशी कंपनी की इस आउटलैंडर कार को 2011 में रजिस्टर्ड कराया गया था।

क्या मुंबई पुलिस की वजह से हुई जांच में देरी

एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि महाराष्ट्र ATS इस केस को बहुत पहले सुलझा लेता, लेकिन मुंबई पुलिस कमिश्नर ऑफिस की ओर से उन्हें CCTV फुटेज को एक्सेस करने की अनुमति नहीं दी गई। ATS ने इसके लिए चार पत्र तब के कमिश्नर परमबीर सिंह को लिखे थे, लेकिन उनकी ओर से कोई रिस्पांस नहीं मिला।

ATS एंटीलिया मामले के दिन यानी 25 फरवरी से 45 दिन पहले और बाद के CCTV फुटेज की जांच करना चाहती थी। अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एंटीलिया के बाहर से बरामद स्कॉर्पियो 19 से 21 फरवरी के बीच पुलिस मुख्यालय में भी आई थी।