27 Mar. Vadodara: देश में कोरोना का कोहराम मचा हुआ है। वहीँ महाराष्ट्र, गुजरात और कुछ चुनिंदा राज्यों कोरोना संक्रमण रफ़्तार से अपने पैर पसार रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं की संक्रमण के कारण रोज़ कितने लोगों की मौत होती है। शायद नहीं! लेकिन क्यों? इसका कारण है की सरकार और स्वास्थ्य विभाग रोज़ के जारी किये गए कोरोना बुलेटिन में स्पष्ट आंकड़े नहीं दिए जाते हैं। यानी की कह सकते हैं की जनता को अँधेरे में रखा जा रहा है। आज का यह लेख कुछ इसी विषय पर है जो आपको हैरत में डाल देगा।
वड़ोदरा में कोरोना केस के साथ साथ कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन प्रशासन है कि मृतकों का आंकड़ा दिखाने के लिए तैयार नहीं है, प्रशासन ऐसा करके कौन सी बहादुरी दिखा रहा है यह समझना सभी की समझ से परे है।
वड़ोदरा में कोरोना का कोहराम मचा हुआ है कोरोना के बढ़े हुए केस के चलते कोविड अस्पतालों में भर्ती होने के लिए वेटिंग चल रहा है। ऐसा ही वेइटिंग कोरोना टेस्टिंग के लिए और यहां तक कि कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए चल रहा है। भले ही कोरोना से मरने वालों की आधिकारिक संख्या रोज शून्य दिखाई जाती हो, लेकिन कोरोना के चलते वडोदरा में रोज कई लोग मौत की शरण में जा रहे हैं और प्रशासन इन मौत के आंकड़ों को छुपाने में लगा हुआ है। शहर के कई समशनगृह में दिन की बजाय रात को कोरोना मृतकों की अंतिम क्रिया की जाती है।
खासवाडी स्मशान गृह में बीती रात कई कोरोना मृतकों की अंतिम क्रिया को पूर्ण किया गया। वहीं अन्य शमशान गृह में भी बड़ी संख्या में रोजाना कोरोना से मरनेवालों की अंतिम क्रिया हो रही है। वडोदरा में कोरोना से मरने वालों की संख्या 246 की बजाय कई गुना ज्यादा हो सकती है और एक अनुमान के अनुसार यह आंकड़ा सैकड़ों में नहीं,लेकिन हजारों में हो सकता है।
दुख की बात यह है कि सरकारी डेथ ऑडिट कमिटी के रिपोर्ट में कोरोना से मरने वालों की संख्या रोज़ 0 ही रह रही है। यानी भले ही मृतकों की अंतिम क्रिया PPE किट पहन कर की जा रही हो लेकिन उनके मरने की वजह कोरोनावायरस को नहीं माना जा रहा है।प्रशासन का मानना है कि यह लोग कोरोनावायरस से नहीं बल्कि अन्य बीमारियों से मरे है।
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