27 Jan. Vadodara: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव के बाद किसान संगठनों में फूट पड़ चुकी है, जिसका असर किसानों के आंदोलन पर अब देखने को मिल रहा है। आज किसान आंदोलन को पहला झटका लगा है। किसान मजदूर संगठन ने बुधवार शाम साढ़े चार बजे खुद को इस आंदोलन से अलग करने का एलान कर दिया है। संगठन के प्रमुख वीएम सिंह ने कहा कि, ‘कोई आंदोलन इस तरह नहीं चल सकता है।’ उन्होंने कहा कि, ‘दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए।’
Farmer Leader VM Singh addresses Media.
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— News18 (@CNNnews18) January 27, 2021
कल हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन में भी टूट की खबर आई।राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन ( भानु) ने 26 जनवरी ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। किसान नेता वीएम सिंह ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगा दिया है। इस फैसले से किसान आंदोलन को एक बड़ा झटका लगा है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के चीफ वीएम सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह बोले कि मैं अभी इस धरने को खत्म करता हूं। किसान हल चलाता है, कुछ लोगों ने उन्हें पागल बना दिया। वे किसी ऐसे नेता के चक्कर में न पड़ें, जो अपना नाम बनाने के लिए देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।
3 घंटों के भीतर 2 किसान संगठनों ने अपने कदम आंदोलन से पीछे लिए। इस पुरे मामले की ज़िम्मेदारी संगठनों ने किसान नेता राकेश टिकैत पर डाल दी है। आरोप लगाया गया है की राकेश टिकैत ने रुट से भटकने का काम किया और भड़काऊ बातें भी की गयीं।
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