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वडोदरा बाढ़ संकट: क्या VMC की ग्रांट मांगें प्रशासनिक लापरवाही को ढकने का प्रयास हैं?

वडोदरा नगर निगम (VMC) ने 16वें वित्त आयोग के तहत बाढ़ निरोधक परियोजनाओं के लिए फंडिंग की मांग की है। शहर में हाल ही में आई बाढ़ के परिणामों से जूझते हुए, VMC और राज्य सरकार लगातार शहर में बार-बार आने वाले जलभराव के समाधान के लिए उपाय तलाश रहे हैं।

प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा

स्थानीय कांग्रेस पार्टी ने प्रतापनगर रोड पर एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि कई बाढ़ प्रभावित लोग अब भी मुआवजा प्राप्त नहीं कर पाए हैं। पार्टी ने इस मुद्दे को बार-बार उठाया है और सरकार से कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि प्रशासन की अक्षमता के कारण स्थिति इतनी बिगड़ गई, जबकि सरकार ने लंबे समय पहले एक पैकेज की घोषणा की थी।

कांग्रेस के सदस्यों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि सभी अधिकारी प्रधानमंत्री की आगामी यात्रा की तैयारियों में व्यस्त हैं, जबकि नागरिकों की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। प्रदर्शन में वे लोग भी शामिल थे जिन्हें नकद सहायता या मुआवजा नहीं मिला।

बाढ़ निरोधक उपायों का खाका

VMC के स्थायी समिति के अध्यक्ष, डॉ. शीतल मिस्त्री ने वित्त आयोग के सदस्यों के साथ बैठक में शहर में बाढ़ के विवरण को प्रस्तुत किया और बताया कि इससे संपत्ति को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, “हमने सदस्यों पर जोर दिया कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।”

शीतल मिस्त्री ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण के लिए कई संभावनाओं पर चर्चा की गई। इनमें अजवा और निमेटा जलाशयों को मजबूत करने के साथ ही वडाला, धनौरा और हरिपुरा तालाबों की स्थिति को बेहतर बनाने का सुझाव शामिल था, जो विश्वामित्री नदी में जल का प्रवाह करते हैं। इसके अलावा, नदी के जल को मोड़ने, गहरा करने और चौड़ा करने के विकल्प भी प्रस्तुत किए गए।

जलवायु परिवर्तन की चुनौती

जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक वर्षा के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, शहर के बुनियादी ढांचे के सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। डॉ. मिस्त्री ने कहा कि शहर में बरसाती जल निकासी प्रणाली पर काम करने की भी आवश्यकता है। बाढ़ के अलावा, शहरी परिवहन की योजनाओं पर भी चर्चा की गई, जिसमें फ्लाईओवर और मेट्रो रेल परियोजना शामिल हैं।

समाधान या सिर्फ बहाना?

VMC के अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि उन्हें बाढ़ नियंत्रण के लिए विशेष फंडिंग की आवश्यकता है। लेकिन जब बाढ़ जैसे गंभीर संकट के समय सही तरीके से तैयारी नहीं की गई, तो क्या ग्रांट मांगना समस्या का समाधान है? क्या यह सिर्फ एक उपाय है जिससे उन्हें अपनी अक्षमताओं से ध्यान भटकाने का मौका मिल रहा है?

यह स्पष्ट है कि वडोदरा को बाढ़ के संकट से निपटने के लिए ठोस और प्रभावी योजनाओं की आवश्यकता है। केवल ग्रांट मांगने से कुछ नहीं होगा। प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह नागरिकों की समस्याओं का समाधान कैसे कर सकता है। यदि VMC वास्तव में गंभीर है, तो उसे अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए तत्काल कदम उठाने चाहिए, न कि केवल दिखावे के लिए ग्रांट की मांग करनी चाहिए।

इस संकट से निपटने के लिए वास्तविक समाधान और प्रतिबद्धता की आवश्यकता है, ताकि वडोदरा की जनता को फिर से ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े

यह समय वडोदरा के लिए एक गंभीर चेतावनी का है। बाढ़ से निपटने के लिए ठोस कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है। हमें न केवल तत्काल उपायों की आवश्यकता है, बल्कि दीर्घकालिक योजनाओं पर भी ध्यान देना होगा। यदि हम जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटना चाहते हैं, तो हमें बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और नागरिकों की भलाई को सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। यह समय है कि हम अपने शहर की सुरक्षा के लिए सभी स्तरों पर सहयोग करें।