Budget 2024: संसद में मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है। लोकसभा में आज पक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर गर्मा गर्मी का माहौल रहा। NEET से लेकर कर कांवड़ यात्रा रूट पर नेमप्लेट लगाने जैसे फैसलों पर तनातनी मची रही। ये बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला है। इन सब के बीच पूरे देश की नजरें कल आने वाले बजट पर टिकी हुई हैं। आम लोगों को इस बजट से काफी उम्मेदें हैं कि शायद इस साल उनकी जेब कुछ हल्की हो सके। ऐसे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संकेत दे चुकी हैं कि बजट में महिलाओं, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर रह सकता है। कर्मचारी से लेकर कारोबारी और विद्यार्थी समेत हर वर्ग के लोग बजट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
दिल मांगे मोर… हर वर्ग को राहत की उम्मीद
मजदूरों को…
मनरेगा के तहत मजदूरी दिवस को 100 से बढ़ाकर 150 दिन किया जा सकता है।
मनरेगा मजदूरों को कृषि क्षेत्र के साथ जोडऩे का फैसला किया जा सकता है।
किसानों को…
सरकार किसान सम्मान निधि सालाना 6,000 रुपए से बढ़ाकर 10-12 हजार रुपए कर सकती है।
कृषि उत्पादों पर जीएसटी की दरों को कम करने का फैसला हो सकता है।
आम लोगों को…
होम लोन पर ब्याज के लिए कटौती की सीमा को बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपए करने की मांग।
सबके लिए नई आवास योजना की उम्मीद, सामाजिक खर्च में वृद्धि का अनुमान।
नौकरीपेशा को…
कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आयकर छूट सीमा में बदलाव करेगी। इससे मध्य वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को खासा लाभ होगा।
महंगाई बढऩे के कारण पुरानी और नई आयकर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने की मांग।न्यू पेंशन स्कीम को ज्यादा आकर्षक बनाया जा सकता है, जिसको लेकर अभी सरकारी कर्मचारी नाखुश हैं।
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युवाओं को…
सरकार पर सबसे ज्यादा दबाव रोजगार के अवसर पैदा करने का है। स्किल डेवलपमेंट और रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों का बजट आवंटन बढऩे की संभावना है।
अग्निवीर जैसी योजना में सैनिकों को ज्यादा वित्तीय लाभ देने का ऐलान किया जा सकता है।
कारोबारियों को…
राष्ट्रीय खुदरा कारोबार नीति के तहत 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा मिलने की उम्मीद। इसके लिए सिर्फ 6,000 रुपए प्रीमियम के कयास।
महिलाओं को…
रसोई गैस से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक सब्सिडी दी जा सकती है।
महिलाओं को टैक्स छूट देने पर भी विचार हो सकता है।
महिला भूमि मालिक किसानों को दी जाने वाली वार्षिक रकम हो सकती है 12,000 रुपए।
सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआइ) का दायरा बढ़ा सकती है। इसके दायरे में कपड़ा, आभूषण और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं।
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