आज तक आपने कैमरे से फोटो क्लिक करते हुए बहुत से लोगों को देखा होगा, लेकिन फुटपाथ पर रहने वाले ऐसे बेघर नागरिकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके कैमरे से क्लिक हुए 13 फोटो को चयनित कर माई मुंबई कॅलेंडर 2024 का आकर्षक कैलेंडर बन पाया। 1350 फ़ोटो का इसे ज़खीरा ही कहा जा सकता है जो मुंबई को अपने नजरिए से न सिर्फ़ देख रहा है बल्कि उसके बदलते स्वरुप को बयां भी करता है।
‘पहचान’ संस्था के अध्यक्ष बृजेश आर्य की पहल पर मुंबई के फुटपाथ पर रहने वाले उन बेघरों को अपनी कला का आविष्कार करने का मौका मिला। जिनके फ़ोटो कैलेंडर में चयनित हुए उन्हें मेडल देकर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने पुरस्कृत किया। आर्य बताते है कि माई वर्ल्ड लंडन के पॉल रायन की मदद से फुजि फ़िल्म के 50 कैमरे मुफ्त में उपलब्ध हुए। कुल 1350 फोटो निकाले गए जिनमें से 105 कैलेंडर के लिए मंजूर हुए। मुंबई के 4 जज पेररी सुब्रमण्यम, इयान पेरेरा, राजीव आसगावकर, राजन नंदवाना एवं सेंट झेवियर्स में इन फोटो को प्रदर्शित आम राय लेने के बाद 13 फ़ोटो बेस्ट पाए गए। कैफ़े आर्ट लंदन में उन फ़ोटो और बेहतर बनाकर कैलेंडर बना जिसका लोकार्पण महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर बेघरों की कला की सराहना की।
इस कैलेंडर में जिनकी फोटो प्रकाशित हुई है उनमें आरती खारवा ( मुख पृष्ठ), नितीन खारवा ( जनवरी ), फिरोज शाह ( फरवरी), सुनील खारवा ( मार्च ), नितीन खारवा ( अप्रैल), राहुल परमार ( मई ), सिकंदर मंसूरी ( जून), शीला पवार ( जुलाई), सुरेश पवार ( अगस्त), आकाश खारवा ( सितंबर ), सुनंदा गायकवाड़ ( अक्टूबर ), शोभा खारवा ( नवंबर ) एवं अनिल बूटिया ( दिसंबर ) शामिल है। सुभाष रोकड़े एवं छात्र स्वयंसेवक द्वन्शित , अशल्यन एवं श्रेय ने इनसे फ़ोटो खिंचवाने से लेकर संकलित करने का काम किया।
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