लोकसभा चुनाव नजदीक होने के बीच गुजरात के वडोदरा की सावली विधानसभा के भाजपा विधायक के इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है।
कुछ दिनों पहले ही गुजरात के वड़ोदरा में भारतीय जनता पार्टी ने सांसद रंजनबेन भट्ट को तीसरी बार लोकसभा टिकट दी है, जिसके बाद वडोदरा भाजपा में लगातार भूकंप की स्थिति देखने मिल रही है। रंजनबेन भट्ट को टिकट देने के दूसरे ही दिन भाजपा के राष्ट्रीय महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष डॉक्टर ज्योतिबेन पंड्या ने अपना विरोध दर्ज कराया था। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया इसी बीच आज सुबह सावली के विधायक केतन इनामदार ने विधानसभा के अध्यक्ष शंकर सिंह चौधरी को अपना इस्तीफा दे दिया है, ऐसे में वडोदरा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में रही नाराजगी खुलकर सामने आ गई है।
इससे पहले 2020 में भी सावली के विधायक केतन इनामदार इस्तीफा का पॉलिटिकल ड्रामा कर चुके हैं ऐसे में पॉलीटिकल प्रेशर बनाने के लिए इस्तीफा दिया होने की बात भी काफी चर्चा में है। केतन ईमानदार के इस्तीफे की खबर फैलते ही पार्टी हाई कमान द्वारा उन्हें मनाने की कोशिश की गई, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटील ने केतन इनामदार के साथ वर्चुअल बैठक की।वर्चुअल बैठक के बाद पूर्व मंत्री हकुभा जडेजा सावली पहुंचे और उसके बाद केतन ईनामदार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और भाजपा अध्यक्ष ने गांधीनगर बुलाया है,जिसके चलते वे गांधीनगर जाने के लिए रवाना हो गए, लेकिन इस बार उन्होंने अपना इस्तीफा कंटिन्यू रखने की बात कही है।
वहीं इस मामले वड़ोदरा की लोकसभा प्रत्याशी रंजनबेन भट्ट ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह केतन इनामदार को मनाने की कोशिश करेंगे।
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