भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रित देश कहा जाता है। इसके साथ ही यहां के संविधान को विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान होने की ख्याती भी प्राप्त है। देश का कानून इस संविधान पर ही टिका हुआ है। क्या आपको पता है कि भारत के संविधान का निर्माण कैसे हुआ?
26 जनवरी वो तारीख है जब हमारे भारत में लोकतंत्र ने पहली बार जन्म लिया। जिसने इससे पहले न जाने कितनी कुर्बानियां, बलिदान सहे। भारत माता के वीर समूतों ने अपने अमूल्य प्राण देश के लिए न्योछावर कर दिए। इसी दिन हमारा संविधान भी तैयार हुआ था। वो संविधान जिसकी शपथ लेकर देश की अदालतें फैसला सुनाती हैं। आज का दिन 75 साल पहले साल 26 जनवरी 1950 को इस गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया। तब से लेकर आज तक हम हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाते हैं। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।
भारत के संविधान का निर्माण 26 नवम्बर 1949 (उन्नीस सौ उन्नचास) को हुआ था। इस संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया गया था इसे बनाने में दो साल 11 महिने और 18 दिन का समय लगा था. संविधान सभा के निर्माण का प्रस्ताव सबसे पहले साल 1934 में एम.एन. रॉय द्वारा रखा गया था, जबकि संविधान सभा के गठन के लिए चुनाव वर्ष 1946 (उन्नीस सौ छयालिस में कैबिनेट मिशन योजना के तहत हुए थे.
संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 (तीन सौ नवासी) निश्चित की गई थी. जिसमें 292 (दो सौ बानवे) प्रतिनिधि ब्रिटिश प्रान्तों के, 4 चीफ कमिश्नर और 93 (तिरनवे) प्रतिनिधि देशी रियासतों के थे. कुल 389 (तीन सौ नवासी) सदस्यों में से प्रांतों के लिए निर्धारित 296 (दौ सौ छिआवने) सदस्यों के लिय चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस को 208 वोट, मुस्लिम लीग को 73 (तिहत्तर) वोट और 15 वोट अन्य दलों को और स्वतंत्र उम्मीदवार को मिले थे.
संविधान सभा की पहली बैठक का आयोजन 9 दिसंबर 1946 (उन्नीस सौ छयालिस) को दिल्ली स्थित काउंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में किया गया था और इसकी अध्यक्षता सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य सच्चीदानंद सिन्हा ने की थी. वे सभा के अस्थाई अध्यक्ष चुने गए थे. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद थे।
संविधान सभा में प्रांतों या देसी रियासतों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटों का प्रतिनिधित्व दिया गया था, साधारणतः 10 लाख की आबादी पर एक स्थान का आबंटन किया गया था. हैदराबाद रियासत के प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में भाग नहीं लिया था. संविधान सभा में कुल 12 महिला, 33 अनुसूचित जाति, 213 सामान्य, 4 सिख और 79 मुस्लिम सदस्य थे। संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसम्बर 1946 (उन्नीस सौ छयालिस) को जवाहर लाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव के साथ की गई थी।
भारत के संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया गया था और इस सभा में 13 समितियां थी। जो संविधान सभा के विभिन्न कार्यों से निपटने के लिए गठित की गईं थी. इन समितियों में 8 समितियां प्रमुख थीं, संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार बी. एन राव थे। राव ने दुनिया के बहुत सारे संविधानों का अध्ययन किया और यूके, आयरलैंड, कनाडा, अमेरिका जाकर वहां के विधि विद्वानों से इसके विषय में विस्तृत चर्चा की।
कब रखी गई थी संविधान बनाने की नींव:
• 9 दिसंबर 1946: पहली बैठक संविधान कक्ष में आयोजित की गई थी। संबोधित करने वाले पहले व्यक्ति जे.बी. कृपलानी थे, सच्चिदानंद सिन्हा अस्थायी अध्यक्ष बने। (अलग राज्य की मांग करते हुए मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्कार किया।)
• 11 दिसंबर 1946: विधानसभा ने राजेंद्र प्रसाद को अपना अध्यक्ष, एच. सी. मुखर्जी को उपाध्यक्ष और, बी. एन. राव को संवैधानिक कानूनी सलाहकार नियुक्त किया।
• 13 दिसंबर 1946: जवाहरलाल नेहरू द्वारा एक “उद्देश्य प्रस्ताव” प्रस्तुत किया गया, जिसमें संविधान के अंतर्निहित सिद्धांतों को बताया गया। यही बाद में संविधान की प्रस्तावना बन गयी।
• 22 जनवरी 1947: उद्देश्यपूर्ण प्रस्ताव सर्वसम्मति से अपनाया गया।
• 22 जुलाई 1947: राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया।
• 15 अगस्त 1947: स्वतंत्रता प्राप्त की। भारत डोमिनियन ऑफ़ इंडिया और डोमिनियन ऑफ़ पाकिस्तान में विभाजित हो गया।
• 29 अगस्त 1947: Draft committee की नियुक्ति की गई जिसके अध्यक्ष बी.आर. अम्बेडकर थे। समिति के अन्य छह सदस्य के.एम. थे। मुंशी, मुहम्मद सादुल्ला, अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर, एन. गोपालस्वामी अयंगर, देवी प्रसाद खेतान और बीएल मित्तर।
• 16 जुलाई 1948: हरेंद्र कुमार मुखर्जी के साथ, वी. टी. कृष्णामाचारी को भी संविधान सभा के दूसरे उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया।
• 26 नवंबर 1949: भारत का संविधान विधानसभा द्वारा पारित और अपनाया गया।
• 24 जनवरी 1950: संविधान सभा की अंतिम बैठक। संविधान पर हस्ताक्षर किए गए और उसे स्वीकार कर लिया गया (395 अनुच्छेदों, 8 अनुसूचियों और 22 भागों के साथ)
• 26 जनवरी 1950: संविधान लागू हुआ।
26 जनवरी 1950 को संविधान देश में पूरी तरह से लागू हो गया, मूल संविधान में कुल 22 भाग, 395 (तीन सौ पंचानबे) अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं. जबकि वर्तमान में इसमें 470 अनुच्छेद, 25 भाग, और 12 अनुसूचियां हैं.
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