29-11-2022, Tuesday
गुजरात विधानसभा के प्रथम चरण में 19 जिलों में सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की 89 बैठकों के लिए 788 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 1 दिसंबर EVM में कैद होगा।
14वीं गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को समाप्त हो रहा है ।संविधान के अनुरूप विधानसभा का गठन जरूरी है। प्रथम चरण में 19 जिलों में 89 बैठको के लिए 788 उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार के नगाड़े आज शाम को 5:00 बजे बंद हो गए । 1 दिसंबर को प्रथम चरण का मतदान होगा । इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में 4,91,17,308 मतदाता मतदान करेंगे। जिनमें से अधिकतम युवा मतदाता है। इन चुनावों के लिए 51,782 पोलिंग बूथ लगाए गए हैं। 142 मॉडल पोलिंग वोटिंग सेंटर्स हैं ।दिव्यांग और वृद्धों के लिए खास व्यवस्था रखी गई है। गुजरात विधानसभा की 182 बैठके है। सन 2013 में मोरबी को अलग जिला घोषित किया गया। 15वीं गुजरात विधानसभा के चुनाव के लिए इस बार त्रिकोणीय जंग है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के सामने आप भी अपने बड़े बड़े दावे लेकर मैदान में हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के लिए सत्ता बचाना एक चुनौती है। किसकी सरकार बनेगी यह तो 8 दिसंबर को ही पता चलेगा । प्रथम चरण के मतदान इस बार बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकते है। यह पूरे चुनाव का रुख भी बदल सकता है। प्रथम चरण के 19 जिलों में कच्छ ,सुरेंद्रनगर, मोरबी, राजकोट, जामनगर, देवभूमि द्वारका ,पोरबंदर, जूनागढ़ ,गिर सोमनाथ, अमरेली ,भावनगर, बोटाद ,नर्मदा ,भरूच, सूरत तापी डांग नवसारी, और वलसाड है।
यहां अगर थोड़ी समीक्षा की जाए तो सन 1985 से 99 तक अमरेली जिला भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा। राजकोट की पश्चिम बैठक से विशेष इतिहास जुड़ा है ।1985 से भारतीय जनता पार्टी इस बैठक से जीतती आ रही है ।इस सीट ने दो मुख्यमंत्री दिए, नरेंद्र मोदी और विजय रूपानी। सन 2017 में भारतीय जनता पार्टी को कुल 182 बैठकों में से 99 बैठके मिली, जो 49.05% है। वहीं कांग्रेस को 77 बैठके मिली, जो 42.97% वोटिंग का नतीजा है।
यू 1 दिसंबर को प्रथम चरण का होने जा रहा मतदान , काफी हद तक किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला बन कर ऊभरेगा।
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