भारतीय नागरिकों को मिलेगा e-passport
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 1 फरवरी 2022 को संसद में देश का सामान्य बजट प्रस्तुत करते हुए भारतीय नागरिको के लिए इ – पासपोर्ट जारी करने की घोषणा की थी।
इसी के साथ देशभर में इ-पासपोर्ट को लेकर कई प्रकार के सवाल और शंका पैदा हुई है, जिनका जवाब दने के लिए विदेश मंत्री 4 फरवरी को लोकसभा में उपस्थित थे। लोकसभा में चल रहे प्रश्न काल में कांग्रेस सांसद एम. के.राघवन ने विदेश मंत्री एस .जयशंकर से इ- पासपोर्ट से सुरक्षा समबंधी मुद्दे पर सफाई मांगी थीं। जिसके जवाब में एस . जयशंकर बोले- “इ- पासपोर्ट तब तक जारी नहीं किये जाएंगे जब तक नागरिको की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा की ठोस व्यवस्था नहीं हो जाती”।
इ- पासपोर्ट एक ऐसा पासपोर्ट होगा जिसमे एक पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत जानकारी जैसी की नाम, जन्म की तारीख, जन्म स्थान और डिजिटल हस्ताक्षर आदि एक डिजिटल चिप में डाली जाएगी, जिसे पासपोर्ट में फिट किया जाएगा।
इस तकनीक को दुनिया के 120 से अधिक देशों द्वारा पहले से ही अपनाया जा चुका है।
सरकार का लक्ष्य इस तकनीक के माध्यम से नकली पासपोर्ट के प्रचलन पर रोक लगाना है।भारत में पासपोर्ट चुराए भी जाते है और उन पर पासपोर्ट धारकों का फोटो हटा कर दूसरे व्यक्ति का फोटो लगा दिया जाता है। इ- पासपोर्ट के ज़रिये सरकार इस अवैध कार्य पर भी रोक लगाना चाहती है।
अतः भारत के लिए इस टेक्नोलॉजी को स्वीकार करने की ज़रूरत है ताकि हम विश्व भर में दूसरे देशो से पीछे न रह जाए, और समय की मांग को समय से पूरा करे।
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