वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। इसमें रक्षा क्षेत्र के लिए भी कई बड़े एलान किए गए हैं। हथियारों और बाकी जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता घटाने के कदम के तहत सरकार ने अब रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर भारत योजना को लागू करने का फैसला किया गया है। वित्त मंत्री के एलान के मुताबिक, सरकार अब रक्षा खरीद के लिए जो पूंजी निर्धारित करेगी, उसका 68 फीसदी घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए निर्धारित होगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने रक्षा खरीद के लिए तय हुई पूंजी में से 58 फीसदी को घरेलू खरीद के लिए किया था। यानी अब देश के उद्योगों से की जाने वाली रक्षा अधिग्रहण का दायरा 10 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) को बढ़ावा देने का भी एलान किया। उन्होंने कहा, “डिफेंस R&D को अब उद्योगों, स्टार्टअप्स और शिक्षा-शोध क्षेत्र के लिए खोला जाएगा और रक्षा क्षेत्र के लिए तय R&D बजट में से 25 फीसदी का खर्च इन्हीं पर होगा।”
सीतारमण ने घोषणा की कि अब निजी उद्योगों को भी डीआरडीओ और अन्य संस्थानों के साथ सहयोग के जरिए सैन्य प्लेटफॉर्म्स और उपकरणों के डिजाइन और विकास से जुड़े कार्यों में शामिल रहने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। सहयोग के जरिए विकसित हुए सैन्य प्लेटफॉर्म्स और उपकरणों की टेस्टिंग-प्रमाणिकरण के लिए एक केंद्रीय संस्थान की भी स्थापना होगी।
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