कोरोना वायरस को वैक्सीन हरा पाई है या नहीं, ये तो पता नहीं है। उत्तर प्रदेश में जरूर कोरोना आखिरकार चुनाव से हार गया है। 23 जनवरी को जब इलेक्शन कमीशन रैलियों की इजाजत देने के लिए सिचुएशन का रिव्यू करेगा, तब तक कोरोना का लेवल ऐसा हो जाएगा कि यहां चुनाव प्रचार को मंजूरी मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
आश्चर्यजनक ये है कि यूपी के जिन जिलों में चुनाव होने हैं, वहां नए मरीजों से डेढ़ गुना ज्यादा मरीज ठीक होने लगे हैं। नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ जैसे कोरोना के एपिसेंटर बन रहे जिलों में रिकवरी रेट बढ़कर 150% तक पहुंच गया है यानी अब इन जिलों में कोरोना खत्म हो रहा है। पूरे यूपी में 5 दिनों के भीतर रिकवरी रेट 5% से बढ़कर 79% तक जा पहुंचा है। यही कारण है कि ओमिक्रॉन की पीक के दौरान कई लाख एक्टिव केस होने के दावे भी वास्तविकता से दूर नजर आ रहे है।
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