कोरोना की दूसरी लहर में जब केस बढ़ने लगे तो उसी दौरान सूरत के वराछा की 35 वर्षीय एक महिला संक्रमित हो गई। नाउम्मीदी के बीच 5 महीने के लंबे इलाज के बाद वह ठीक होकर अब घर लाैटी है। 2 महीने उनका प्राइवेट अस्पताल में वेंटिलेटर पर इलाज चला। बाद में 1 महीने सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया। इसके बाद 2 महीने जनरल वार्ड में रखकर ऑब्जर्वेशन किया गया। कुल 158 दिनों तक लंबे इलाज के बाद महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया।अब जाकर परिवार में खुशियां लौटी हैं। डॉक्टरों का कहना है कि महिला को कोई अन्य बीमारी नहीं थी। लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण फेफड़ों में 90 से 95 फीसदी तक असर कर चुका था। इस कारण रिकवर होने में इतना लंबा वक्त लग गया।
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