CATEGORIES

May 2024
MTWTFSS
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031 
May 4, 2024

नहीं रहे ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार,98 साल की उम्र में निधन

दिलीप कुमार भारतीय सिनेमा जगत  के ट्रेजेडी किंग और पहले खान सुपरस्टार के रूप में पहचाने जाते हैं। पांच दशक से भी लंबे समय के करियर में उन्होंने दर्जनों ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। दिलीप कुमार ने आधी से ज्यादा जिंदगी हिंदी सिनेमा के नाम कर दी थी। पहली फिल्म ‘ज्वारा भाटा’ (1944) से लेकर ‘किला’ (1998) तक वह करोड़ों दिलों पर राज करते रहे।
दिलीप कुमार के नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे अधिक पुरस्कार जीतने वाले भारतीय अभिनेता के तौर पर दर्ज है। इनमें सर्वोत्तम अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल हैं। साल 1966 में दिलीप कुमार और सायरा बानो ने शादी की। तब से यह जोड़ा हिंदी फिल्मों में होने वाली शादियों के लिए एक मिसाल बना हुआ है। इन दोनों ने एक साथ जिंदगी के उतार-चढ़ाव देखे हैं और उनका डटकर सामना भी किया है।

लेकिन बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार पिछले कुछ दिनों से उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें 30 जून को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल की ICU में भर्ती कराया गया था। अभिनेता की पत्नी सायरा बानो पूरे समय उनके साथ थीं और उन्होंने प्रशंसकों को आश्वासन दिया था कि उनकी हालत स्थिर है।

लेकिन बस अगर साल भर और रुकते दिलीप कुमार तो जमाना उनके सौ साल के होने का जश्न धूमधाम से मनाता। लेकिन, उससे पहले ही आज पूरे देश और दुनिया में मातम छा गया है। दिलीप कुमार नहीं रहे। सांसों की आवाजाही में लगातार रुकावट होती रही। उनके नजदीकी उनके सेहतमंद होने की लगातार दुआ करते रहे। लेकिन, हर दुआ कुबूल ही कहां होती है जनाब!करोड़ों दुआओं पर ऊपरवाले की मर्जी भारी पड़ी और 11 दिसंबर 1922 को पेशावर, पाकिस्तान में पैदा होकर घरवालों से युसूफ खान का नाम पाने वाले दिलीप कुमार बुधवार को मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में चल बसे।

आइए, आज उनकी कुछ पुरानी लेकिन सबसे हसीन फिल्मों का वापस से एक बार फिर सैर करते हैं,
1952 की दाग
इस फिल्म में दिलीप कुमार ने शंकर का किरदार निभाया है जो अपनी विधवा मां के साथ गरीबी में जीवन जी रहा है। खिलौने बेचकर वह अपना जीवन यापन करता। इस फिल्म का निर्देशन अमिय चक्रवर्ती ने किया है। इस फिल्म के लिए दिलीप कुमार ने अपने करियर का पहला सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का किरदार जीता था।

1955 की देवदास
1955 मे बनी यह फिल्म शरतचंद्र चटोपाध्याय के उपन्यास ‘देवदास’ पर आधारीत है। फिल्म में दिलीप कुमार ने देवदास का किरदार निभाया था जो एक आकर्षक  युवक होता है जो शराब के शिकंजे में फंस जाता है। फिल्म को बहुत सफलता मिली थी।
इस फिल्म के जरिए दिलीप कुमार को सिनेमा जगत में एक सशक्त अभिनेता के तौर पर पहचान मिली।

1960 की मुगल-ए-आजम
के. आसिफ निर्देशित यह फिल्म सिनेमा जगत की ऐसी फिल्म है जो फिर कभी दोबारा नहीं बनाई जा सकी। फिल्म में दिलीप कुमार ने अकबर के बेटे शहजादे सलीम का किरदार निभाया था।फिल्म में दिलीप कुमार ने जिस तरह से इश्क में डूबे शहजादे का रोल प्ले किया है वह आज भी एक मिसाल है।

1961 की कोहिनूर
कहा जाता है कि फिल्मों में लगातार दुखों से भरे किरदार करने का असर दिलीप कुमार के निजी जीवन पर भी पड़ने लगा था।
फिल्म में दिलीप कुमार के अपोजिट मीना कुमारी थीं| इस फिल्म के हास्य से भरपूर अदाकारी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था।