रूस ने ऐलान करते हुए 4 दिन पहले यूक्रेन पर हमला कर दिया था।दरअसल रूस का यूक्रेन पर हमला करने का मकसद सिर्फ यूक्रेन को NATO में शामिल होने से रोकने का था। एस्टोनिया के पूर्व रक्षा मंत्री रिहो टेरास का दावा है कि ‘अगर युद्ध 10 दिन से ज्यादा चला तो रूस कंगाली के कगार पर पहुंच जाएगा। पुतिन को इसके बाद समझौता करने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने आगे यह भी कहा की यूक्रेन पर जल्दी कब्ज़ा करने की रूस को ग़लतफहमी थी।
रूस को यूक्रेन पर हमला करने के साथ साथ कई मुश्किलों का सामना कर पड रहा है। जहां प्रत्येक दिन युद्ध पर 1.12 लाख डॉलर का खर्च हो रहा है, वही रूस को कई और चुनौतियो का सामना करना पड़ रहा है।
कई देशो ने रूस पर प्रतिबन्ध लगाते हुए उनके साथ व्यापार न करने का फैसला किया है। जिससे रूस को काफी नुकसान हो सकता है। रूस की करेंसी रूबल इस महीने 10% तक गिर चुकी है और अन्य देशो से प्रतिबन्ध लगने पर रूबल की कीमत और ज्यादा गिर सकती है।
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