राजस्थान में किसानों को राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार द्वारा कृषि बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है और 90 पैसे प्रति यूनिट पर ही बिजली दी जा रही है। प्रदेश के किसानों के विद्युत बिल भार को और कम करने के लिए राजस्थान के मुख्मंत्री अशोक गहलोत ने साल 2021 में मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत सामान्य श्रेणी-ग्रामीण ब्लॉक आवर सप्लाई के किसानों को प्रतिमाह 1000 रुपए तक का अतिरिक्त अनुदान दिया जा रहा है।
अब राज्य सरकार ने इस साल उपरोक्त श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं के लिए मुख्यमंत्री नि:शुल्क कृषि बिजली योजना शुरू की है। इसमें किसानों को 2000 यूनिट बिजली प्रतिमाह तक उपभोग पर बिजली नि:शुल्क देय होगी। इस योजना से लगभग 11 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो जाएगा।
गहलोत सरकार की ओर से दी जाने वाली 2000 यूनिट नि:शुल्क बिजली का लाभ महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद माह मई 2023 से (बिजली बिल शून्य) अपने आप मिलना शुरू हो जाएगा।
2000 यूनिट प्रतिमाह से ज्यादा बिजली उपभोग करने वाले सामान्य श्रेणी-ग्रामीण ब्लॉक आवर सप्लाई कृषि उपभोक्ताओं को मुख्यमंत्री किसाने मित्र ऊर्जा योजना के तहत वर्तमान में दिया जा रहा 1000 रुपये प्रतिमाह का अनुदान ही प्राप्त हो सकेगा।
कैसे ले योजना का लाभ
- राजस्थान मुख्यमंत्री निःशुल्क कृषि बिजली योजना अंतर्गत निःशुल्क बिजली का लाभ लेने के लिए किसानो को अपना पंजीकरण कराना होगा।
- लाभार्थी किसान योजना में पंजीकरण अपने निकटतम महंगाई राहत कैंप में जा कर करा सकते है।
- राजस्थान मुख्यमंत्री निःशुल्क कृषि बिजली योजना में पंजीकरण के लिए लिए किसान के पास जनाधार कार्ड होना अनिवार्य रूप से आवश्यक है।
- महंगाई राहत कैंप में मौजूद कर्मचारियों द्वारा लाभार्थी किसानों का राजस्थान मुख्यमंत्री निःशुल्क कृषि बिजली योजना में पंजीकरण किया जायेगा।
- पंजीकरण हो जाने के पश्चात सभी पंजीकृत किसानो का मई माह से बिजली का बिल शुन्य आना शुरू हो जायेगा।
- केवल उन्ही किसानो का बिजली का बिल शुन्य आएगा जो प्रति माह 2,000/- यूनिट से कम बिजली की खपत करते है।
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