14-02-2024
पाकिस्तानी आतंकियों ने आज से 5 साल पहले यानी 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हमारे CRPF सैनिकों के काफिले पर जानलेवा हमला किया था, जिसमें 40 जवानों को इस देश ने खो दिया था। जानकारी के अनुसार यह हमला पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने करवाया था। आपको बता दें कि यह हमला एक बहुत ही बड़ी सोची समझी साजिश थी। जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने विस्फोटक से भरे एक वाहन को CRPF जवानों की बस से टक्कर मार कर धमाका किया था।
उस वक़्त एक बार फिर ऐसी परिस्थिति से घबराये बिना, हमारे देश ने बहादुरी दिखाकर, एक सराहनीय काम किया था। हमले को 12 दिन भी नहीं हुए थे कि उसका बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश के आतंकी कैंप पर हमला किया गया था। जैसे उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, उसी तरह इसका बदला लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिए जा रहे थे। भारत ने इसका बदला हवाई हमले से लेने का सोचा।
पीएम मोदी ने एयरस्ट्राइक की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल को दी थी। डोभाल और उस समय के वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने हमले का प्लान तैयार किया था। जगह तय होने के बाद सभी गुप्तरचर एजेंसियों ने इनपुट निकालना शुरू कर दिया था। इसमें Mirage-2000 और Netra AWACS का इस्तेमाल करने का तय हुआ था।
26 फरवरी 2019 की रात को Mirage-2000 ने ग्वालियर से टेक ऑफ किया और आगरा, बरेली के एयरबेस भी अलर्ट हो गए। रात के तीन बजे 12 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान बॉर्डर में घुसकर बालाकोट में बम बरसाने शुरू कर दिए थे। खुदको बचने की कोशिश करने में भी पाकिस्तान ने देरी कर दी थी। जैश-ए-मोहम्मद के सारे ठिकाने तबाह हो गए थे।
इस ऐतिहासिक पल को हम भारतीय कभी भूल नहीं पाएंगे। लेकिन, दूसरी ओर हम 14 फरवरी का ‘Black Day’ भी कभी भूल नहीं पाएंगे। आज उस हमले में शहीद हुए जवानों को नरेंद्र मोदी द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि “हमारे राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि “मैं पुलवामा के वीर शहीदों को नमन करता हूं, जिन्होंने हमारी मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। उनके सर्वोच्च बलिदान को सदैव याद रखा जायेगा। राष्ट्र सदैव हमारे बहादुरों का ऋणी रहेगा।”
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