CATEGORIES

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
Saturday, July 27   5:45:55

26 जनवरी को दिल्ली में हुए उपद्रव पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका हुई खारिज

03 Feb. Vadodara: 26 जनवरी के मौके पर किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा की जांच रिटायर्ड जजों से कराने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि सरकार इस मामले में अपना काम कर रही है। जांच में कोई कमी नहीं है। CJI ने आगे कहा, ‘ सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया है। हमने प्रधानमंत्री का बयान भी सुना है। उन्होंने कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है। इसलिए सरकार को इसकी जांच करने दीजिए।’

वकील विशाल तिवारी ने दिल्ली में हुए हिंसा मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग बनाने की मांग उठायी थी। तिवारी का कहना था कि इस आयोग की अगुआई सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज करें। इनके अलावा इसमें दो रिटायर जज हाईकोर्ट के होने चाहिए। यह आयोग सबूतों को जुटाए और तय समय में सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करे। तिवारी की याचिका में हिंसा और राष्ट्रध्वज के अपमान के जिम्मेदार व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग भी की गई थी।

कोर्ट ने उस पिटीशन को भी खारिज कर दिया है जिसमें मीडिया को यह आदेश देने की मांग की गई थी कि वह बगैर किसी सबूत के किसानों को आतंकी न कहें। वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर याचिका में मांग की थी इसमें संबंधित अथॉरिटी और मीडिया को निर्देश दिया जाए। अगर कोई बिना सबूत के किसान संगठनों और आंदोलनकारियों को आतंकी कहता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी दावा किया था कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा की साजिश रची गई थी। कोर्ट ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया है।

फेक न्यूज फैलाने के मामले में और 26 जनवरी को दंगा भड़काने के आरोपों में दर्ज FIR के खिलाफ कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई और मृणाल पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन तीनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में कई FIR दर्ज हैं।

आपको बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर गणतंत्र दिवस के मौके पर हजारों की तादाद में किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। कई जगह उनकी पुलिस से झड़प भी हुई थी, जिसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुए थे। तोड़फोड़ भी की गई थी। लाल किले पर भी धार्मिक झंडा लगा दिया गया था। इस हिंसा में करीब करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। किसान संगठन से जुड़े नेताओं का दावा है कि इस हिंसा में प्रदर्शनकारी किसान शामिल नहीं हैं। यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है।