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May 4, 2024

प्रातः प्रार्थना दिन करेगी ऊर्जावान, रात्रि प्रार्थना देगी नए दिन का नया जोश

(नलिनी रावल)

रोज सुबह हम जब उठते है ,तो अपने नित्यकर्म में लग जाते है,पर क्या आप जानते है सुबह बिस्तर छोड़ने के पहले और रात को सोने से पहले दो मिनट क्या करें? कुछ ऐसा करें कि आपका दिन शुभ तो होगा ही,साथ ही सारे काम भी अच्छे से पूरे होंगे।
रोज की आपाधापी में हम कई बार ,कई जरूरी बातें भूल जाते है, जो हमे चौबिस घंटे का टॉनिक दे सकती है।हमारी दिन भर की थकान तब मिटती है , जब हम घर पहुंचते है,परिवार के साथ खाना खाते है,और थोड़ा वक्त बिताते हैं।फिर भी तन_ मन पूरा स्वस्थ नहीं होता। ऐसे में चाहिए कि हम कुछ मिनट स्वयं को दें।
ईश्वर,अल्लाह,वाहेगुरु, भगवान महावीर, ईशु ख्रिस्त,भगवान बुद्ध , मां शक्ति …आदि शक्तियों के से जिनमे भी विश्वास करते है,उन्हें सोने से पहले याद करें,उनका मंत्र जाप करें।उनसे दिन भर में हुई जानी अनजानी गलतियों,किसी के मन को ठेस पहुंचाई हो तो क्षमा मांगें,सारी चिंताएं उनको सौंप दें।इस से मन साफ होता है ,और रात को चिंतामुक्त नींद आती है,चूंकि यह वक्त उस अदृश्य शक्ति और आपके बीच का होता है।अच्छी नींद आने के कारण सुबह भी फ्रेश फील होता है।

रात को सोने से पहले एक श्लोक बोला जाता है…

“कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,
प्रणत क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः।
कर,चरण कृतम वा
कायजम कर्म जं वा
श्रवण,नयन जं वा
मानसम वापराधम
विहितम विहितम वा
सर्व मेतत क्षमस्व
जय जय करुणाब्धे
श्री महादेव शंभो।”
अर्थात
” हे प्रभु मेरे सभी क्लेश हरो।हाथ,पैर,शरीर,कान,आंख,और मन द्वारा की गई भूलों को क्षमा करो।”

      सुबह भी बिस्तर छोड़ने से पहले, कुछ समय उस दिव्य शक्ति को याद कर दिनभर के लिए मन, तन और मस्तिष्क की स्वस्थता की कामना करें।दिन की शुरुआत में अपने दो हाथ के दर्शन कर  ईश्वर को याद करने से आत्मिक शक्ति बढ़ती है,और चुनौतियों का सामना करने का साहस भी बढ़ता है।

एक प्रात: श्लोक है…

“कराग्रे वसते लक्ष्मी
कर मूले सरस्वती
कर मध्ये तू गोविंदम
प्रभाते कर दर्शनम।”

अर्थात मेरे हाथो के अग्र भाग यानी उंगलियों में मां लक्ष्मी का वास है।हाथ की कलाइयों में मां सरस्वती विराजमान है।और हाथो के बिलकुल मध्य में प्रभु! आप बसते हैं।आप मेरे सभी कर्मों को न्याय देते है,और कुछ गलत n karne ki Shakti प्रदान करते है। अतः मैं रोज प्रात:आपके दर्शन कर अपनी दिनचर्या की शुरुआत करता/करती हूं।
वैसे भी उंगलियां कर्म की निशानी है।और कलाइयां हाथ के पंजे को शक्ति देती है ,लेखिनी पकड़ने की ताकत देती है।
धर्म चाहे कोई भी हो,वह हमर तन मन को शक्ति प्रदान करता है,और अनजाने में भी कोई भूल न हो,किसका का दिल न दुखे इसकी शक्ति रोज हमें देता है।