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Friday, December 20   10:49:34

जयपुर में LPG टैंकर धमाके ने मचाई तबाही, 40 से ज्यादा गाड़ियां जलकर खाक, 7 की मौत

जयपुर के अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें LPG गैस से भरा एक टैंकर धमाके के साथ फट गया। इस हादसे में 7 लोगों की जान चली गई, जबकि 35 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस रहे। हादसा दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास हुआ, जब एक ट्रक ने LPG टैंकर को टक्कर मारी, जिससे टैंकर का नोजल टूट गया और 18 टन गैस बाहर फैल गई। इसके बाद आग लग गई और पूरा इलाका आग के गोले में तब्दील हो गया।

घटना के अनुसार, यह टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा था, और सुबह करीब 5:44 बजे वह स्कूल के पास यू-टर्न ले रहा था। इसी दौरान, एक ट्रक ने टैंकर से टक्कर मारी, जिससे टैंकर का नोजल टूट गया और गैस लीक हो गई। गैस के लीक होते ही आग लग गई और आसपास की 40 से ज्यादा गाड़ियां जल गईं, जिनमें से कई में लोग फंस गए और बाहर नहीं निकल पाए।गवाहों के मुताबिक, धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि दूर-दूर तक सुनाई दी। आसपास के इलाकों में आग और धुएं का मंजर दिल दहला देने वाला था। इस हादसे ने पूरे इलाके को संकट में डाल दिया, और रेस्क्यू ऑपरेशन में कई मुश्किलें आईं। गैस और आग के कारण रेस्क्यू टीमों को कई घंटों तक राहत पहुंचाने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

इस घटना में स्लीपर बस और एक फैक्ट्री भी पूरी तरह जलकर खाक हो गई। दुर्घटना की वजह से हाईवे पर ट्रैफिक पूरी तरह बंद कर दिया गया और करीब दो किलोमीटर के दायरे में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया, लेकिन आग और गैस की वजह से बचाव कार्य में काफी समय लगा।राज्य सरकार और स्थानीय अधिकारियों ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और अन्य मंत्रियों ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और राहत कार्य की जानकारी ली। घायलों को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ लोग 70% तक झुलस गए हैं।यह हादसा इस बात का सबक देता है कि हाईवे पर खतरनाक सामान, जैसे LPG गैस, को लेकर और अधिक सख्त सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। इस तरह के हादसे भविष्य में न हो, इसके लिए बेहतर सड़क प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और जरूरी चेतावनियों पर ध्यान देने की जरूरत है। यह घटना न केवल अधिकारियों बल्कि आम लोगों के लिए भी एक चेतावनी है कि सख्त उपायों के बिना इस तरह के हादसे किसी भी समय हो सकते हैं। इस हादसे ने यह साबित कर दिया कि सुरक्षा की दिशा में और अधिक ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। इसके लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और जान-माल की रक्षा की जा सके।