भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की पहली खेप शुक्रवार (19 अप्रैल) को सौंप दी। ब्रह्मोस पाने वाला फिलीपींस पहला बाहरी देश है। जो दक्षिण चीन सागर में चीन की चुनौती का सामना कर रहा है। इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई।
भारत ने जनवरी 2022 में फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की बिक्री के लिए 375 मिलियन डॉलर (3130 करोड़ रुपए) की डील की थी।
इंडियन एयरफोर्स ने C-17 ग्लोब मास्टर विमान के जरिए इन मिसाइलों को फिलीपींस मरीन कॉर्प्स को सौंपा। इन मिसाइलों की स्पीड 2.8 मैक और मारक क्षमता 290 किमी है। एक मैक ध्वनि की गति 332 मीटर प्रति सेकेंड होती है। फिलीपींस को सौंपी गई मिसाइल की स्पीड ध्वनि की गति से 2.8 गुना ज्यादा है।
फिलीपींस को उस समय मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी मिली है, जब उसके और चीन के बीच साउथ चाइना सी में तनाव बढ़ा हुआ है। फिलीपींस ब्रह्मोस के 3 मिसाइल सिस्टम को तटीय इलाकों (साउथ चाइना सी) में तैनात करेगा, ताकि चीन के खतरे से निपटा जा सके।
दुनियां में बढ़ता डर
- भारत का रक्षा निर्यात 2023-24 में पहली बार 32.5% बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
- 2024-25 तक सुधिभान 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रख रहे हैं।
- रक्षा निर्यात में निजी क्षेत्र की भागीदारी 60% और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की 40% है।
- दो ब्रह्मोस को पनडुब्बी, जहाज, युद्धक विमान या जमीन से 10 सेकंड की दूरी पर देखा जा सकता है। इसकी गति ध्वनि से तीन गुना अधिक है
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