पिछले सवा साल से कोरोना मरीजों की सेवा में लगे डॉक्टर और नर्स खुद के हकों के लिए अब हड़ताल पर उतरे हुए हैं, लेकिन संवेदनशील सरकार है की उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं।
गोत्री GMERS अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ और मेडिकल प्रोफेसर्स ने लगातार दूसरे दिन भी प्रतीक धरना करते हुए उनकी मांगों को फिर एक बार सरकार तक पहुंचाया है।सरकार इन स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों की सुध नहीं ले रही है, ऐसे में इन कर्मचारियों ने भी हड़ताल चालू रखने का ऐलान किया है और जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी और तत्काल सेवाएं भी बंद कर देने की बात कही है।फिलहाल कोरोना को लेकर जो स्थिति बनी हुई है उसके मद्देनजर 75% स्टाफ हड़ताल पर है जबकि 25% स्टाफ अभी भी मरीजों की सेवा में है।विरोध प्रदर्शन के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा आज ब्लड डोनेशन कैंप भी आयोजित किया गया।
गोत्री के साथ-साथ एसएसजी अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं, उन्होंने भी अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। एसएसजी अस्पताल में ओपीडी पोस्टमार्टम जैसे सभी विभाग के डॉक्टर हड़ताल पर हैं और 2 दिनों में उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो संपूर्ण रूप से हड़ताल करने की भी डॉक्टरों ने बात कही है।
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